"हमारी सरकार गरीब के लिए है" मोदी   नहीं, वोट लेते टेम भी बोला करो कि हमें वोट सिर्फ गरीब का चइए. मध्यम वर्ग और अमीर वर्ग वोट और नोट विरोधियों को दे दें. लोकतंत्र की परिभाषा फिर से पढ़ लेते, समझ आ जाता कुछ.   जो भी व्यक्ति/ पार्टी समाज के किसी भी एक वर्ग की नुमाइंदगी पेश करता/करती हो, उसे तो अगले दस साल तक कभी किसी भी चुनाव में खड़े होने का हक़ ही नहीं होना चाहिए और उसके सार्वजानिक भाषणों पर सख्त पाबंदी लगनी चाहिए.    गुर्र्रर्र्र्रर्र्र..........इडियट चुनो और इडियट बनो.    
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 न्यायालय मे पूरी ईमानदारी से काम होता है।  सचिवालय मे पूरी ईमानदारी से काम होता है   नगरपालिका मे पूरी ईमानदारी से काम होता है ।  आटीओ मे पूरी ईमानदारी से काम होता है ।  हास्पिटल में पूरी ईमानदारी से काम होता है ।  इनकम टैक्स डिपार्टमेन्ट मे पूरी ईमानदारी से काम होता है ।  सेल्स टैक्स डिपार्टमेन्ट मे पूरी ईमानदारी से काम होता है ।  रेलवे डिपार्टमेन्ट मे पूरी ईमानदारी से काम होता है ।  पासपोर्ट डिपार्टमेन्ट मे पूरी ईमानदारी से काम होता है ।  सरकारी विद्यालयों मे पूरी ईमानदारी से काम होता है ।  भारत के संसद मे पूरी ईमानदारी से काम होता है ।  मिडिया मे पूरी ईमानदारी से काम होता है ।  यहाँ तक की मुरदाघरो मे भी पूरी ईमानदारी से काम होता है।    बस भारत के व्यापारी ईमानदारी से काम नहीं करते ।  जय हो भारत की जनता ।  
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 पार्टी को:-- 100% छूट।  चोर को:-- 50% छूट ।  जनता को:-- 5000 का भी हिसाब देना पड़ेगा,  समझ नहीं आ रहा है कि ऐसे कौन सा काला धन निकलेगा ??  एक तनख्वाह से कितनी बार टैक्स दूँ और क्यों..........  मैनें तीस दिन काम किया,   तनख्वाह ली - टैक्स दिया  मोबाइल खरीदा - टैक्स दिया  रिचार्ज किया - टैक्स दिया  डेटा लिया - टैक्स दिया  बिजली ली - टैक्स दिया  घर लिया - टैक्स दिया  TV फ्रीज़ आदि लिये - टैक्स दिया  कार ली - टैक्स दिया  पेट्रोल लिया - टैक्स दिया  सर्विस करवाई - टैक्स दिया  रोड पर चला - टैक्स दिया  टोल पर फिर - टैक्स दिया  लाइसेंस बनाया - टैक्स दिया  गलती की तो - टैक्स दिया  रेस्तरां मे खाया - टैक्स दिया  पार्किंग का - टैक्स दिया  पानी लिया - टैक्स दिया  राशन खरीदा - टैक्स दिया  कपड़े खरीदे - टैक्स दिया  जूते खरीदे - टैक्स दिया  किताबें ली - टैक्स दिया  टॉयलेट गया - टैक्स दिया  दवाई ली तो - टैक्स दिया  गैस ली - टैक्स दिया  सैकड़ों और चीजें ली फिर टैक्स दिया, कहीं फ़ीस दी, कही बिल, कही ब्याज दिया, कही जुर्माने के नाम पे तो कहीं रिश्वत देनी पड़ी, ये सब ड्रामे के बाद गलती से सेविंग मे बचा तो फ...
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 हमारे पैसे हमारे अपने हैं। उन्हें हम नगद खर्च करें या ऑनलाइन - यह हमारी मर्ज़ी है। देश की सरकार को अगर कैशलेस ऑनलाइन व्यवस्था लागू करने की जल्दबाजी है तो बेहतर होगा कि वह  इसकी शुरूआत ख़ुद से करके हमारे आगे उदाहरण उपस्थित करे। काले धन की गोद में पली-बढ़ी पार्टियां जब देश को सदाचार का पाठ पढ़ाती है तो गुस्सा तो आएगा ही। हम भारत सरकार के कैशलेस लेन-देन के प्रस्ताव को तबतक के लिए खारिज करते हैं जबतक सरकार हमारी तीन मांगे नहीं मान लेती।    पहली मांग यह कि सरकार क़ानून बनाकर यह सुनिश्चित करे कि भाजपा सहित तमाम राजनीतिक दल भविष्य में कैश में कोई चंदा स्वीकार नहीं करेंगे। उन्हें दिया जाने वाला कोई भी चंदा या दान सिर्फ चेक, डेबिट कार्ड या इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट के माध्यम से ही दिया जाए। जैसे हम आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं, हर पार्टी वित्तीय वर्ष के अंत में अपने आमद- खर्च का हिसाब अपने वेबसाइट पर ज़ारी करे। इनमें से किसी भी शर्त का उल्लंघन करने वाले दल की मान्यता ख़त्म करने का प्रावधान हो।  दूसरी मांग यह कि देश के सभी दलों के राजनेता उड़नखटोले से घूम-घूमकर महंगी-महंगी रैलियों और जन सभाओं में अपनी ...
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 प्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साहब,   नमस्ते,   मेरा नाम प्रसाद है। मेरा Balanagar हैदराबाद में एक छोटा उद्योग है। मेरे  उद्योग की प्रति माह आमदनी लगभग 2 लाख रुपये है। इसका मतलब यह प्रति वर्ष 24 लाख रुपये है। ईमानदारी और सच्चाई से सभी छूटों के साथ मेरे द्वारा सरकार को लगभग 3 लाख आयकर का भुगतान किया जाना चाहिए। लेकिन मैं सिर्फ 30,000 भुगतान करता हूँ । क्यूं कर?   मैं एक मध्यम वर्गीय परिवार से हूँ और कड़ी मेहनत और अध्ययन के साथ स्वयं को स्थापित किया । शुरू में मैंने नौकरी की, लेकिन एक एक पैसा बचा कर मैंने अपना उद्योग प्रारम्भ किया। मेरे परिवार की जरूरतों और जीवन यापन के लिए 1 लाख पर्याप्त है और अन्य 1 लाख मैंने अपने भविष्य के लिए  निवेश किया (सोने या शेयर या भूमि खरीदने में)   जो एक लाख मैं परिवार के लिए खर्च करता हूँ ,उसमें 30000 परोक्ष रूप से किसी न किसी टैक्स के रूप में सरकार को जा रहा है। किराने का सामान से टीवी और मोबाइल तक के लिए मैं केवल टैक्स में 20 से 30% का भुगतान कर रहा हूँ। अगर मैं ड्रिंक की एक छोटी सी पार्टी का आनंद लेना चाहूँ जिस पर 3000 का खर्च आना है तो 60% सर...