Sunday, 2 July 2017

GST

तालियाँ बजा बजा कर एक्टिंग हम इनसे बेहतर कर सकते हैं. सिर्फ भूखी नंगी जनता का पेट भरना है तो जिनके पास कुछ धन है उनसे छीनने के प्रयास हैं.

क्या GST का विरोध नहीं किया था भाजपा ने?
आज क्या हो गया? 
मात्र विरोध के लिए ही विरोध करना था क्या जब विपक्ष में थे तो?

आज ताली पीट-पीट खुश हो-हो कर GST की गीत सुनाये जा रहे हैं.

जिसके पल्ले है कुछ, छीन लो उससे चूँकि जो जनता सिर्फ बच्चे पैदा करती है उसका पेट जो भरना है.

और फिर उसी ने तो वोट देना है.

इस कुचक्र से ऐसे बकवास लोग नहीं निकाल पायेंगे.

कुछ नहीं है इनके पल्ले, सिवा बकवास के.

जिस दिन कोई कहेगा कि नहीं, इस तरह से अनाप-शनाप बच्चे पैदा नहीं करने देंगे, उस दिन न नोट-बंदी की ज़रूरत होगी और न ही इए तरह की GST की. 

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