सबसे बड़ा युद्ध जानते हैं क्या होता है? विचार-युद्ध. यह आपको दूसरों से तो बाद में करना होता है, पहले खुद से करना होता है. मैं किशोर था और मैं नोट-बुक के एक पन्ने पे लिखता था--"भगवान है" और सामने वाले पन्ने पे लिखता था "भगवान नहीं है". फिर दोनों के पक्ष में नीचे तर्क लिखता था. मेरा पास आज भी एक किताब है "गर्व से कहो हम हिन्दू हैं" और दूसरी है "शर्म से कहो हम हिन्दू हैं". मेरे पास "वाल्मीकि रामायण" है और रंगनायकम्मा रचित "रामायण एक विष-वृक्ष "भी है. विचार-युद्ध इत्ता मुश्किल जानते हैं क्यों है? चूँकि इसमें खुद को ही खुद के खिलाफ लड़ना होता है. खुद को ही गलत साबित होने का रिस्क होता है. सो इससे बचता है इन्सान.
Thoughts, not bound by state or country, not bound by any religious or social conditioning. Logical. Rational. Scientific. Cosmic. Cosmic Thoughts. All Fire, not ashes. Take care, may cause smashes.
Monday, 13 September 2021
सबसे बड़ा युद्ध
मानो आप 40 साल से मन्दिर में घंटा बजा रहे हैं, अब कैसे खुद ही साबित करोगे कि नहीं, घंटा बजाना बेकार है? मूर्ती से धन-धान्य मांगते आए हो, कैसे खुद ही साबित करोगे कि मूर्ती किसी को कुछ नहीं दे सकती? सब ने अपने जीवन का आधार गलत-सही मान्यताओं पर खड़ा किया होता है, अब इन मान्यताओं को चैलेंज करने की हिम्मत आप खुद नहीं कर पाते. कोई और चैलेंज करता है तो आप विरोध करते हैं, लड़ते हैं, बिना देखे कि चैलेंज करने वाला सही है या गलत.
बस इसी से निकलना है आपने. खुद की मूर्ती खुद ही तराशनी है आपने. तर्क-युद्ध करना है खुद से....यही सबसे बड़ा तप है.......यही वैज्ञानिकता की तरफ ले जा सकता है आप को , समाज को... यह दुनिया सीख जाये तो चंद दिनों में यहीं जन्नत है. हमें किसी ख्याली जन्नतों की कभी ज़रूरत ही न होगी....
तुषार कॉस्मिक.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Blind faith is tragicomedy
ReplyDelete