यह है शुरूआती कलमा:--
“अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और हज़रत मुहम्मद सलल्लाहो अलैहि वसल्लम अल्लाह के रसूल है।”
“मैं गवाही देता हुँ के अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं। वह अकेला है उसका कोई शरीक नहीं और मैं गवाही देता हुँ के हज़रत मुहम्मद सलल्लाहो अलैहि वसल्लम अल्लाह के नेक बन्दे और आखिरी रसूल है।”
I bear witness that no-one is worthy of worship but Allah, the One alone, without partner, and I bear witness that Muhammad is His servant and Messenger.
“अल्लाह की ज़ात हर ऐब से पाक है और तमाम तारीफे अल्लाह ही के लिए है। अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और अल्लाह सबसे बड़ा है और किसी में ना तो ताकत है न बल, ताकत और बल तो अल्लाह ही में है, जो बहुत मेहरबान निहायत रेहम वाला है|”
Glory be to Allah and Praise to Allah, and there is no God but Allah, and Allah is the Greatest. And there is no Might or Power except with Allah.
सवाल:--
कैसे पता आप को कि अल्लाह के अलावा कोई और गॉड नहीं है? कैसे पता आप को कि मोहम्मद ही उस गॉड के मैसेंजर हैं? आप गवाही देते हैं. ठीक है. लेकिन आप की गवाही का आधार क्या है? आप के पास कोई ऑडियो, कोई वीडियो है? या कोई और सबूत है कि अल्लाह मियां मोहम्मद साहेब को अपना मैसेंजर बना रहे हैं? आप के पास सबूत जैसा क्या है कि जिन को आप अल्लाह कह रहे हैं, उन का नाम अल्लाह ही है? क्या सबूत है कि वही इकलौते गॉड हैं, वही इकलौते पूजनीय हैं, इबादत के लायक हैं? क्या पता एक से ज़्यादा अल्लाह या अल्लाह जैसी कोई हस्तियाँ हों? क्या पता कोई न ही हो? क्या पता कायनात स्वयं-भू हो? और उसे किसी की इबादत की कोई परवाह हो ही न? क्या पता कोई भी न हो, जिसे पूजा, इबादत की कोई ज़रूरत हो, या जिसे पूजा, इबादत से कोई फर्क पड़ता हो, या जिस की इबादत से हमारी कोई दुआ कबूल होती हो?
बस आप गवाही देते हैं. आप की गवाही का कोई मतलब, कोई आधार है? आप की गवाही के पीछे कोई सबूत, कोई सबूत जैसा सबूत है?
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