तारेक फ़तेह साहेब बताते हैं कि मोहम्मद साहेब के मरते ही मुस्लिमों में झगड़े शुरू हो गए थे. उनका शव अठारह घंटे रखा रहा लेकिन उनको 'नमाज़-ए-जनाज़ा' तक नसीब नहीं हुई. फिर उनकी सारी फॅमिली को मुसलमानों ने क़त्ल किया. और पूरी दुनिया में दूसरी मस्ज़िद भारत में बनी. दक्षिण के किसी हिन्दू राजा ने ज़मीन दी मस्ज़िद बनाने को, जिसके लिए दुनिया के तमाम मुसलमानों को शुक्रगुजार होना चाहिए. मेरा कहना बस इतना है कि यह सब निश्चित ही खोज का विषय है.
Thoughts, not bound by state or country, not bound by any religious or social conditioning. Logical. Rational. Scientific. Cosmic. Cosmic Thoughts. All Fire, not ashes. Take care, may cause smashes.
Sunday, 27 December 2015
तारेक फ़तेह साहेब बताते हैं कि---
तारेक फ़तेह साहेब बताते हैं कि मोहम्मद साहेब के मरते ही मुस्लिमों में झगड़े शुरू हो गए थे. उनका शव अठारह घंटे रखा रहा लेकिन उनको 'नमाज़-ए-जनाज़ा' तक नसीब नहीं हुई. फिर उनकी सारी फॅमिली को मुसलमानों ने क़त्ल किया. और पूरी दुनिया में दूसरी मस्ज़िद भारत में बनी. दक्षिण के किसी हिन्दू राजा ने ज़मीन दी मस्ज़िद बनाने को, जिसके लिए दुनिया के तमाम मुसलमानों को शुक्रगुजार होना चाहिए. मेरा कहना बस इतना है कि यह सब निश्चित ही खोज का विषय है.
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