भारत मंदी के कुचक्र में
यशवंत सिन्हा ने इंडियन एक्सप्रेस में लिखा है जेटली के खिलाफ. लोग मोदी के सम्मोहन से बाहर आ रहे हैं. सुब्रह्मण्यम् स्वामी ने भी ऐसा ही कहा था...लेकिन लोग उसे क्रैक भी मानते हैं. लेकिन मामला है सीरियस. मोदी ने बेडा-गर्क कर दिया है मुल्क का. अर्थ-व्यवस्था खराब कर दी है नोट-बंदी और GST से. उनके खुद के लोग मानते हैं अब तो. भारत मंदी के कुचक्र में है. सरकारी बैंक सब घाटे में हैं. माल्या जैसों को भगा जो दिया. अभी राज ठाकरे ने भी मोदी को खूब बजाया है. उसने कहा कि मोदी ने मीडिया खरीद कर चुनाव जीता है. अब जब जहाज डूबने की तरफ है तो सब निकल रहे हैं. अगला चुनाव ज़रूरी नहीं मोदी जीत पाए....बाकी वक्त बताएगा. असल में उसके पास कोई तैयारी नहीं थी. कोई प्लान नहीं था. और आज भी नहीं है. जब तक समाजिक बदलाव न हों, कैसा भी आर्थिक, राजनीतिक बदलाव बहुत फायदेमंद नहीं होगा. कुछ समय तक जो फायदेमंद लगेगा भी, वो भी लम्बे समय में नुक्सान-दायक साबित होगा. हम जो राजनेता बदलने से सोचते हैं कि देश बदल जाएगा, ऐसा नहीं होगा. बीमार समझ रहा है कि बीमारी कहीं और है. वो सोच के, सम...