मोदी जी के ताज़ा-तरीन बोल-बच्चन
मैं मोदी जी के समर्थन में हूँ जहाँ वो कहते हैं कि बाथरूम में रेन-कोट पहन कर नहाना कोई मनमोहन सिंह से सीखे. मतलब मनमोहन सिंह की ईमानदारी ऐसी ही है जैसे कोई रेन-कोट पहन कर बाथ-रूम में नहा रहा हो. मित्र मज़ाक बना रहे हैं लेकिन मुझे लगता है कि सही कहा है मोदी भाई जी ने. आज तक कहा जाता है कि चाहे कांग्रेस के पिछले दस वर्ष के शासन में लगातार घोटाले हुए लेकिन मनमोहन सिंह जी ईमानदार रहे. बे-ईमान पार्टी के 'ईमान-दार प्रधान-मन्त्री'. ऐसे ही कुछ अटल बिहारी जी के लिए कहा जाता था कि वो सही आदमी हैं, लेकिन गलत पार्टी में हैं. अटल जी पर यह टिप्पणी मुझे कभी सही नहीं लगी, वो संघी थे, पहले भी, बाद में भी, हमेशा. मुझे नहीं लगा कि उन्होंने कभी संघ की विचार-धारा के विपरीत कुछ कहा हो, किया हो. लेकिन मनमोहन सिंह पर की गई टिप्पणी बिलकुल सही है. खेत में खड़ा 'डरना' उनसे बेहतर रोल अदा करा देता है फसल बचाने में, कम से कम पक्षी तो डरते हैं उससे. वो कैसे ईमानदार थे? जब उनके इर्द-गिर्द सब चोर जमा थे और चोरी-चकारी ज़ोरों पर थी तो कैसे माना जाए कि उनका कोई हाथ-पैर नहीं था इस सब में?...