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Showing posts from May, 2020

कुत्ता श्री की कथा

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" कुतिया देवी का मन्दिर". झाँसी   में है " कुतिया देवी का मन्दिर". मतलब अब किसी लड़की को , किसी औरत को गाली देते हुये   कुतिया यानि bitch मत कहिएगा , चूंकि कुतिया भी देवी है। छतीस गढ़   में एक मंदिर है , " कुकुर देव का मन्दिर". यानि कुत्ता देव का मंदिर।   धर्मेंदर को पता होता तो वो कभी नहीं कहता , " कुत्ते मैं तेरा खून पी जाऊंगा। " चीन में कुत्ता उबाल के खा जाते हैं , आप हैरान हो सकते हैं ,   भारत में गोमूत्र पी जाते हैं लोग , दुनिया हैरान हो सकती है। भारत में गली के कुत्ते ने आपको काटा तो आप कुछ नहीं कर सकते कुत्ते के खिलाफ , आप ने कुत्ते को काट दिया मुकद्दमा हो जाएगा आपके खिलाफ। मुर्गा काट लो सरे-आम , कुछ नहीं होगा , कुत्ता काटोगे , जेल में सड़ोगे। लेकिन उत्तर प्रदेश में सीतापुर में 2018 में कुत्तों ने कुछ   बच्चे मार दिये , गुस्से में लोगों ने सैंकड़ों कुत्ते मार दिये इस वहम में मत रहें कि कुत्ता इन्सान का बढ़िया दोस्त होता है। होता है , लेकिन सिर्फ मालिक नाम के इन्सान का। बाकी तो किसी को भी , कभी भी काट सकता है। ...

मज़हब ही है सिखाता आपस में बैर रखना

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जब तक हिन्दू मुसलमान रहेगा कहाँ कोई इंसान रहेगा कब तक सदियों पुरानी लाशें ढोयेंगे कब तक मरे अलफ़ाज़ में ज़िन्दगी खोयेंगे कब तक गिरवी रखेंगे अक्ल कब तक खोयेंगे असली शक्ल कब तक बूढों के जाल में गवाएंगे रवानी कब तक  पुरखों के जंजाल में फसायेंगे जवानी मरी इमारतों में कब तक ज़िन्दा इंसान दफन करेंगे जिंदा इंसानों में कब तक मरी इमारते दफन करेंगे कब तक करेंगे बच्चों के कपड़ों को कफ़न कब तक करेंगे जवानी को, रवानी को दफन न  कोई ज़बरदस्ती, न कोई ज़िद मैं तोडू मंदिर, तुम तोड़ो मस्ज़िद जब तक हिन्दू मुसलमान रहेगा कहाँ कोई इंसान रहेगा  हिन्दू, मुस्लिम, सिख इसाई, आपस में सब भाई भाई भाई भाई तो फिर क्यों हैं हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई जब तक हिन्दू मुसलमान बने रहोगे बारूद की दूकान बने रहोगे सियासत ...लगाएगी इक तिल्ली उड़ाएगी तुम्हारी अक्ल की खिल्ली कब आएगी तुम को अक्ल कब पहचानोगे अपनी शक्ल तुम न हिन्दू हों, न मुसलमान हो तुम, तुम बस इंसान हो बारूद नहीं, मोहब्बत की दूकान हो खुद अल्लाह हो, भगवान हो उतार फेंको यह हिन्दू मुसलमान का जूआ क्या कभी ...

इक साज़िश है, गरीब गरीब ही रहें

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इक साज़िश है, गरीब गरीब ही रहें गरीब ही रहें, तभी तो कमअक्ल रहेंगे गरीब ही रहें, तभी तो बदशक्ल रहेंगे गरीब ही रहें, तभी तो कमअक्ल रहेंगे गरीब ही रहें, तभी तो बदशक्ल रहेंगे गरीब ही रहें, तभी तो बजायेंगे ताली गरीब ही रहें, तभी तो साफ़ करेंगे नाली गरीब ही रहें, तभी तो बजायेंगे ताली गरीब ही रहें, तभी तो साफ़ करेंगे नाली इक साज़िश है, गरीब गरीब ही रहें गरीब ही रहें तभी तो मटन-चिकन फाड़ा जाएगा, तभी तो फल--काजू-किशमिश-खजूर खाया जाएगा गरीब ही रहें तभी तो मटन-चिकन फाड़ा जाएगा, तभी तो फल--काजू-किशमिश-खजूर खाया जाएगा गरीब ही रहें तभी तो काम वाली बाई को नोचा जाएगा , तभी तो चौक पे बैठा मजूर खाया जाएगा गरीब ही रहें तभी तो काम वाली बाई को नोचा जाएगा , तभी तो चौक पे बैठा मजूर खाया जाएगा इक साज़िश है, गरीब गरीब ही रहें और सब शामिल हैं राजनीति शामिल है देश-नीति शामिल है विदेश-नीति शामिल है सब शामिल हैं इलम शामिल है मजहबी चिलम शामिल है सब शामिल हैं राजनीति शामिल है देश-नीति शामिल है विदेश-नीति शामिल है इलम शामिल है मजहबी चिलम शामिल है सब शामिल हैं इक साज़िश है, गरीब ...

मादर चोद की गालियों से मदर डे की बधाइयों तक

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मदर डे स्पेशल- -भविष्य में  माँ-बाप का रोल नगण्य होगा- कैसे? देखें. मादर चोद यह तकिया कलाम है हमारा.   लेकिन आप फिर भी  मदर-डे की बधाई लीजिये. अब आगे चलते हैं. मेरा मानना है कि भविष्य में माँ-बाप का रोल जैसा आज है वैसा बिलकुल नहीं होना चाहिए. औलाद पैदा करने का हक़ जन्म-सिद्ध (birth राईट, पैदईशी हक़)  न हो के, earned  राईट होना चाहिए. आज हर किसी  को हमने औलाद पैदा करने का अधिकार दे रखा है. और  जितनी मर्जी औलाद पैदा करने का हक़  दे रखा है. कई बार तो साफ़ दिख रहा होता है कि यह बच्चा स्वस्थ जीवन  नहीं जी पायेगा फिर भी माँ बाप की जिद्द पर उसे इस दुनिया में लाया जाता है और वो बेचारा सारी उम्र नरक भोगता रहता है. दिख रहा होता है कि पैरेंट अभी आर्थिक रूप से खुद का वज़न नहीं झेल सकते, लेकिन उनको बच्चे पैदा करने देते हैं हम. फूटपाथ पर जीवन घसीटने वाले को औलाद पैदा करने देते हैं हम.   न, न यह सब नही चलेगा आगे. अब डिटेल में सुनिए  पहली बात. आपने जैसे किसी पशु की नस्ल सुधारनी हो तो बेस्ट मेल फेमेल लिए जाते हैं. उनका संगम होता ...