Tuesday 17 August 2021

लीला और लीलाधर

 मेरा कोई यकीन नहीं कि इस कायनात को बनाने-चलाने वाला कायनात से अलग कुछ है. नर्तक नृत्य में है, एक्टर एक्टिंग में है. खिलाड़ी खेल में ही मौजूद है. लीलाधर लीला में ही है. लीलाधर और लीला अलग नहीं है...... लीलाधर ने हमें freewill और intelligence की गिफ्ट दे कर पशु से अलग किया है. अब हम पाश में बंधे नहीं हैं. हम स्वतंत्र निर्णय ले सकते हैं. लीलाधर हमारे निर्णय और उन निर्णयों से उपजे फलों में कोई हस्तक्षेप नहीं करता. सो सब प्रार्थना, अरदास, नमाज़ व्यर्थ है. लेकिन मैं जूता ठीक करवाता हूँ तो मोची को नमन करता हूँ, खाना खाता हूँ तो खाने को हाथ जोड़ता हूँ, राह चलते किसी माता को कोई छोटे-मोटे पैसे देता हूँ तो हाथ जोड़ नमन भी करता हूँ, डिस्ट्रिक्ट पार्क में Workout करने जाता हूँ, तो आते-जाते पार्क को झुक के नमन करता हूँ. गाली-गलौच लिखता हूँ, लेकिन फिर भी आप सब को नमन करता हूँ.....तुषार कॉस्मिक

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