मैं बीमार होना नहीं चाहता, मैं सीधे मर जाना चाहता हूँ,
मैं बीमार होना नहीं चाहता, मैं सीधे मर जाना चाहता हूँ, मुझे दवा, टीकों और डॉक्टरों से बहुत डर लगता है, मुझे लाखों रुपये के खर्च से डर लगता है, मुझे अस्पतालों से, दवाखानों से बहुत डर लगता है मुझे घिसटती-सिसकती ज़िंदगी से डर लगता है मैं बीमार नहीं होना चाहता. मैं सीधे मर जाना चाहता हूँ. मैंने देखे हैं हैरान-परेशान रिश्तेदार, बेचारे अपना भार नहीं ढो पा रहे होते, ऊपर से घर में कोई बीमार इंसान. पूरा घर बीमार-बीमार सा हो जाता है. हवा बीमार, पानी बीमार, सब बीमार मैं बीमार नहीं होना चाहता, मैं सीधे मर जाना चाहता हूँ. मैनें पढ़े हैं चेहरे अनमने से सेवा करते हुए, बीमार की मौत का इंतज़ार करते हुए, ज़बरन दुनियादारी निभाते हुए, बीमार के साथ बीमारी झेलते हुए मैं बीमार नहीं होना चाहता, मैं सीधे मर जाना चाहता हूँ. ज़िंदगी जितनी भी हो, बस ठीक-ठाक हो, चलती-फिरती हो, मुस्कराती, हंसती हो, ज़िंदगी ज़िंदा हो, मैं मरी-मरी सी ज़िंदगी नहीं चाहता, मैं बीमार नहीं होना चाहता, मैं सीधे मर जाना चाहता हूँ. तेरा तुझ को अर्पण, क्या लागे मेरा. Tushar Cosmic