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रॉबिनहुड है हल

शायद आप के बच्चे होंगे या फिर आप किसी के बच्चे होवोगे.......पेड़ पे तो उगे नहीं होंगें. राईट? क्या ऐसा हो सकता है कि माँ-बाप अपने बुद्धिशाली-बलशाली बच्चे को ही सब बढ़िया खान-पान दें और जो थोड़े कमजोर हों, ढीले हों उनको बहुत ही घटिया खान-पान दें? हो सकता है क्या ऐसा? नहीं. हम्म...तो अब समझिये कि आप और मैं इस पृथ्वी की सन्तान हैं. पृथ्वी की नहीं बल्कि इस कायनात की औलाद हैं. हो सकता है हम में से कुछ तेज़ हों, कुछ ढीले-ढाले हों. तो क्या ऐसा होना सही है कि सब माल-मत्ता तेज़-तर्रार को ही मिल जाए? क्या यह सही है कि तेज़ तर्रार रहे कोठियों में और बाकी रहें कोठडियों में? सही है क्या कि तेज़ लोग कारों में घूमें और ढीले लोग उनकी कारें साफ़ करते रहें, पंक्चर बनाते रहें, पेट्रोल भरते रहें? दुरुस्त है क्या कि तेज़ लोग मीट खा-खा मुटियाते रहें और ढीले लोग उनकी रसोइयों में खाना बनाते रहें, बर्तन मांजते रहें? क्या कायनात, जो हमारी माँ है, हमारा बाप है, क्या वो ऐसा चाहेगी, वो ऐसा चाहेगा? अब आप अपने इर्द-गिर्द देखिये.....शायद कायनात ऐसा ही चाहती है. यहाँ हर कमजोर जानवर को ताकतवर जानवर खा जाता है....