खतरनाक वकील
   वकील का पेशा बहुत ही नोबल(भद्र) माना जाता है. लेकिन सिर्फ माना जाता है. है नहीं. कैसे हो सकता है? एक समाज, जो नोबल न हो, उसकी कोई भी चीज़ कैसे नोबल हो सकती है?   वकील भी उतना ही हरामी है, जितने आप है, जितना मैं हूँ.   नहीं, गलत लिख गया मैं. वकील हम से ज्यादा हरामी है. वजह है. वजह है, उसका हमसे ज़्यादा कायदा-कानून जानना. सो वो एक हैंकड़ में रहता है कि मैं वकील हूँ. मैं कुछ खास हूँ. ऐसी की तैसी बाकी टुच्चे-मुच्चे लोगों की. ये बिगाड़ क्या सकते हैं मेरा?  तीस हज़ारी कोर्ट में K ब्लाक के पास पार्किंग के ठीक ऊपर एक गंदा सा ढाबा है. सुना था मैंने कि उसमें किसी वकील साहेब का कत्ल हो गया था. किसी सिविलियन ने कर दिया था. कर दिया होगा. चल गया अगले का दांव, वरना तो कोर्टों में वकील वैसे ही एक-जुट होते हैं, फुल बदमाशी. किसी को कुछ नहीं समझते.   पीछे सर्टिफाइड कापियां लेने के लिए लाइन में खड़ा था तो एक वकील मोहतरमा लाइन छोड़ सीधे ही घुस गई खिड़की में और मेरे रोकने पर लगी मुझे ही तमीज़ का पाठ पढ़ाने. हाथा-पाई होते होते बची. उसके अगले ही दिन, मेट्रो की लाइन में टिकट लेने को खड़ा तो देखा एक वकील महोदया बिना ला...