एक कॉलेज के लड़के ने पूछा जाकिर नायक से कि डार्विन की ‘थ्योरी ऑफ़ एवोलुशन’ सही है या गलत. जाकिर साहेब कहते हैं कि यह मात्र थ्योरी है, सत्य नहीं है. थ्योरी का मतलब नहीं समझते? मात्र थ्योरी. सत्य से कोई लेना देना नहीं. इसलिए हम इसे नहीं मानते. हम मानते हैं ‘थ्योरी ऑफ़ क्रिएशन’, जैसी इस्लाम में बताई गयी हैं.
वाह! 'थ्योरी ऑफ़ एवोलुशन' गलत है चूँकि यह मात्र एक थ्योरी है लेकिन 'थ्योरी ऑफ़ क्रिएशन' सही है चूँकि इस्लाम कहता है, वाह! जाकिर साहेब वाह! भूल ही गए कि थ्योरी सिर्फ थ्योरी होती है.
लिंक दिया है, देख लीजिये, बात समझ आयेगी.
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