तुम्हारे धर्म धर्म नहीं हैं.....गिरोह हैं. Mafia.
तुम्हारा जनतंत्र जनतंत्र नहीं है ......धनतंत्र है. Game of Corporate Money.
तुम्हारे सेकुलरिज्म पर धर्म अच्छादित हैं.....वो छद्म-सेकुलरिज्म बन चुका है. Pseudo-secularism.
तुम्हारे नेता बिना नैतिकता के हैं, वो तुम्हारे लीडर नहीं हैं, तुम्हारे पिछलग्गू हैं. Followers.
तुम्हारे पास सिर्फ मेरे जैसे चंद लोग हैं. वरना तुम्हारा कोई भविष्य नहीं. बस.
No comments:
Post a Comment