कुरान अल्लाह से नाज़िल हुई...मेरे ख्याल में हर लेखक जब लिखना शुरू करता है तो लेख/कहानी नाजिल होना शुरू हो जाती है.....शुरू वो करता है, खत्म कहानी के पात्र खुद करते हैं

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