"पैसे होते हुए भी हम तुम्हें बहुत कुछ खरीदने न देंगें"

तुम ने पैसा कमाया तो कार खरीदने निकले, पैसा कमाया तो बड़ा घर खरीदने निकले, बड़ा tv खरीदने निकले.

गुड.
समाज ने तुम्हें खरीदने दिया. खरीदने दिया चूंकि तुमने इसका पैसा दिया.
लेकिन चूतिया आदमी जिस सोच से यह ज्ञान-विज्ञान पैदा हुआ उसमें तुम्हारा क्या योगदान है?
घण्टा!
निल बटा सन्नाटा!
भविष्य में पैसा ही तय नहीं करेगा कि तुम क्या खरीद पाओगे. तुमने ज्ञान-विज्ञान में क्या इज़ाफ़ा किया उससे तय होगा कि तुम्हें कितनी सुविधा मिल सकती है.
धन पशु! धरती पे बोझ!
भेंचो सिर्फ खायेंगे, पीएंगे, हगेंगे, मूतेंगे और अपने जैसे उल्लू पीछे छोड़ जाएंगे. ज्ञान विज्ञान इनका बाप पैदा करेगा इनके लिए!
न . भविष्य में अक्ल से दरिद्र को जीवन दरिद्र ही मिलेगा, पैसा चाहे जितना मर्ज़ी इकट्ठा कर ले वो. सब समीकरण बदल देंगे हम...तुषार कॉस्मिक

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