आप मनोरंजन कहाँ खोजते हैं इससे आपकी बुद्धि का लेवल पता लगता है. यकीन जानिए आप में से 99% की बुद्धि का यंत्र तो चला ही नहीं, पड़ा-पड़ा जंग खा चुका. आप सिर्फ एक रिकॉर्डिंग मशीन हैं, जिसमें स्कूल, कॉलेज, मन्दिर, मसीत, गुरुद्वारे, गिरजे का भरा डेटा आउटपुट देता रहता है. जब आप कूड़ा फिल्में देखते हैं, टिकटोकिया कचरा हज़म करते हैं, एकता कपूर की सास-बहू वाला कबाड़ consume करते हैं, रामायण-महाभारत की हज़ारों बार सुनी कहानी देखते-सुनते हैं, चीखते-चिल्लाते tv एंकर की बकवास खा-पी जाते हो तो पता लगता है कि आप में बुद्धि नामक चीज़ लगभग ख़त्म है. यदि हमारे वैज्ञानिक भी आपकी तरह मनोरंजन के लिए कूड़ा पचा रहे होते तो अविष्कार नहीं, कूड़ा ही पैदा करते. Garbage in, Garbage out...Tushar Cosmic
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