जज कौन है? Judicial Servant.
ध्यान दीजिए वो एक "servant" है.
लेकिन कभी आप भारतीय कोर्ट को चलते हुए देखिए.जज वहाँ का Lord होता है. वकील-मुवक्किल जज के सर्वेंट. सब उसके आगे झुकते हैं. हर लिखित जो भी जज को पेश की जाती है उसके अंत में Prayer लिखी जाती है.
अब Lord हैं तो उनके आगे जो भी पेश किया जाता है उसे submission कहा जाता है. Submission मतलब ही है समर्पण करना, surrender करना.
अब Lord हैं तो उनके आगे तो Prayer ही की जाएगी.
अब lord हैं तो उनके खिलाफ कुछ नहीं बोल-लिख सकते.यह तो उनके प्रति Contempt हो जाएगी.
अब Lord हैं तो उनकी ख़िलाफ़त ईश-निंदा हो जाएगी.
घण्टा!
बजाओ घण्टा!!
कोई लार्ड-वॉर्ड न हैं ये. जनता के सेवक हैं. सेवक का ओहदा चाहे कित्ता ही बड़ा हो लेकिन वो जनता से बड़ा नहीं हो सकता. Republic का मतलब ही यही है कि घूम के शक्ति पब्लिक के ही हाथ में है. फिर इनको काहे सर पे बिठा रखा है?
नीचे उतारो इनको. इन्हें काले अंग्रेज़ से भारतीय बनाओ. इनकी आलोचना, निंदा सब होगी.
वीडियो रिकॉर्डिंग के नीचे लाओ इनको. ऐसा करते ही इनको तमीज़ आ जाएगी, शक्ति घूम के जनता के हाथ आ जायेगी, मुल्क असल में Republic बनेगा.
अन्याय व्यवस्था को न्याय व्यवस्था बनाने की राह में एक ज़रूरी कदम है यह.
तुषार
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