इस्लाम पर ओशो ने क्या कहा है? Osho on Islam in Hindi, Osho Islam ke bare mein kya kahte hain? Osho ne Islam ke bare mein kya kaha?, Osho on Quran in Hindi. Osho on Muhammad in Hindi
इस्लाम के बारे में ओशो ने शुरुआती दौर में कुछ सकारात्मक बातें की थीं। ओशो ने कुरान को धम्मपद, उपनिषद, गीता, ताओ ते चिंग के समकक्ष दिव्य सिद्ध करते हुए थोड़ी सी चर्चा की. वह बताते हैं कि मुहम्मद एक अनपढ़ आदमी थे, बावजूद इस के उनकी बातें बुद्ध या उपनिषद के ऋषियों के परिष्कृत शब्दों से कम गहरी नहीं हैं। रिफरेन्स के लिए उन का प्रवचन नं.5, दीपक बार नाम का नामक किताब में देखा जा सकता है. लेकिन बाद में उन्होंने इस्लाम को सिरे से नकार दिया. ओशो ने बताया है कि कई बार मुस्लिम मित्रों द्वारा कहा गया कि वो क़ुरआन पर भी बोलें लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया क्योंकि उन्हें यह निरर्थक लगा. उन्होंने विभिन्न ग्रंथों पर, और कबीर, बुल्ले शाह, मीरा बाई आदि पर प्रवचन दिए क्योंकि उन्हें इन लोगों के शब्दों और जीवन में कुछ सार मिला. कुरान उन्हें बेकार लगा और ऐसा उन्होंने अपने जीवन के अंतिम चरण में कहा। ओशो ने कहा कि सभी संगठित धर्म बेकार हैं, हाँ, यही कहा उन्होंने। लेकिन फिर वो जप जी साहेब पर लम्बा व्याख्यान देते हैं. क्यों? चूँकि जपजी स...