जानवर मुझे छोटे बच्चे जैसे लगने लगे हैं. उन में ज़्यादा बुद्धि नहीं है, सो इनोसेंट भी लगते हैं. मेरा लगाव-झुकाव पशु-पक्षियों की तरफ बढ़ता ही जा रहा है. सोचता हूँ, मैंने आज तक इस नज़र से क्यों नहीं देखा दुनिया को कि जानवर हमारे छोटे भाई-बहन जैसे हैं, हमारे छोटे से-प्यारे से मित्र हैं. जानवर हमारा परिवार हैं. Animals are our family.
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