राहुल गाँधी ने सँसद में खड़े हो कर अभय-मुद्रा दिखा-दिखा कर हिँसा कर गलत अर्थ प्रस्तुत किया है. हिँसा का मुकाबला हिँसा से ही करना होता. हिँसा के मुकाबले में की गयी हिँसा आत्म-रक्षा है, जो बिलकुल सही है. हिँसा हमेशा गलत नहीं होती और अहिँसा हमेशा सही नहीं होती.
No comments:
Post a Comment