मुझे पैंट-शर्ट पसंद ही नहीं. है ही नहीं मेरे पास कोई. ऐसा नहीं कि कभी पहनी नहीं, लेकिन अब बरसों से नहीं पहनी.
गर्मी-सर्दी जीन्स या जीन्स टाइप ट्रॉउज़र. ऊपर टी-शर्ट या टी-शर्ट टाइप स्वेटर. मरे-मरे रंग भी मुझे पसंद नहीं. मैं ब्राइट कलर ही पहनता हूँ ज़्यादातर.
वैसे भी मेरे कुछ जूते कपडे 15-20 साल तक पुराने हैं, कोई दिक्क्त नहीं.
और एक बात, मेरे पास कोई भी अलग से बढ़िया कपड़े नहीं है. बाहर-अंदर जाने वाले "स्पेशल कपडे". न. ऐसे कोई कपड़े मेरे पास नहीं हैं. जो हैं, वहीँ हैं जो मैं रोज़-मर्रा की ज़िन्दगी में पहनता हूँ.
वैसे मैंने खूब ब्रांडेड कपड़े भी लिए हैं और पहने हैं. हर छह महीने बाद ऑफ-सीजन सेल लगा करती हैं, तब हम ढेरों कपड़े लिया करते थे. उन्हीं में से बचे-खुचे आज भी पहनता हूँ. लेकिन मुझे फुटपाथ के कपड़ों से भी कभी भी परहेज़ नहीं रहा.
बहुत पहले, "लॉन्ग-लॉन्ग एगो", मैंने जामा मस्जिद के बाहर फुटपाथ से एक शर्ट खरीदी थी. शायद सेकंड हैंड थी. इतनी पसंद थी मुझे यह शर्ट कि मैंने वर्षों-वर्षों पहनी होगी.
शादी बयाह में भारी-भरकम कपडे पहनना दूर, पहने हुए लोगों को देखना तक अच्छा नहीं लगता. मैं जो रोज़ पहनता हूँ, उन्ही कपड़ों में कहीं भी पहुँच जाता हूँ. मेरे बच्चे मुझे कहते हैं कि उन को मेरा ढँग के कपड़े न पहनना, शादी आदि में, अखरता है, लेकिन मैं ढ़ीठ हूँ.
अब सोच रहा हूँ कि सब छोड़ धोती-कुरता धारण करने लग जाऊं. या फिर गर्मियों में सिर्फ धोती. कुरता भी सिर्फ सर्दिओं में. तब तो शायद मुझे "घर-निकाला" ही दे दिया जाए. खैर, देखा जायेगा.
Tushar Cosmic
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