ऑनलाइन है ज़माना. लेकिन क्या है सावधानियाँ?
1. यदि कोई घरेलू, सीक्रेट बात करते हैं तो इंटरनेट बंद करें. सब कुछ सुना जा रहा है. अभी सुन कर आप की बात-चीत के मुताबिक सिर्फ Advertisement दिखाई जा रही हैं. कभी यह लीकेज भयंकर नुकसान-दाई भी साबित हो सकती है. ध्यान रहे.
2. इंटरनेट पर यदि अपनी Internet सर्फिंग की Leakage बचाना चाहते हैं तो मेरे ख्याल से DuckDuckGo/ Tor Browser प्रयोग करें.
4. जिस अकाउंट में ज़्यादा पैसा रखते हैं, उस में कोई ऑनलाइन सुविधा न लें. कार्ड तक न लें. ऐसे बैंक में यह अकाउंट रखें, जिस में यह सुविधा हो ही न. ऑनलाइन सुविधा के लिए अलग अकाउंट रखें, जहाँ ज़्यादा धन जमा हो ही न.
5. पीछे मैंने नोट किया कि मेरे लैपटॉप का कैमरा अपने आप ON हुआ जा रहा था. मैंने अपने एक मित्र से ज़िक्र किया. उस ने बताया कि वो तो अपने लैपटॉप के कैमरा पर बिंदी लगा के रखता है. क्या कैमरा से भी हमें देखने का प्रयास किया जा रहा है? यह अभी रिसर्च का विषय है. हो सकता ऐसा कुछ न भी हो. लेकिन फिलहाल इत्ती ही सलाह है क़ि सीक्रेट मैटर्स के वक्त फ़ोन, लैपटॉप पूरी तरह बंद कर दें, इंटरनेट OFF कर दें.
6. हमारे फोन का GPS भी अक्सर ON होता है. यकीन जानिये, जहाँ-जहाँ भी हम जाते हैं. सब लोकेशन भी ट्रेस होती चली जाती है. उस का डाटा भी गूगल कलेक्ट करता रहता है. हालाँकि अभी यह सब किया सिर्फ इसलिए किया जा रहा है ताकि हमारा बेहेवियर पैटर्न कलेक्ट कर के हमें उस के मुताबिक प्रोडक्ट और सर्विस बेचीं जा सके. लेकिन जानकारी की यह लीकेज यदि रोकना हो तो फिर आप को अपना GPS भी ज़रूरत के मुताबिक ही खोलना चाहिए अन्यथा नहीं.
7. जब से AI का बोलबाला बढ़ा है, तब से यह खतरा भी पैदा हो गया है कि कोई आप को फ़ोन करे और आवाज़ आप के ही घर के मेंबर जैसी हो. यदि कभी कोई सीक्रेट जानकारी फ़ोन पर शेयर करनी हो तो यह सुनिश्चित कैसे करेंगे कि फोन के दूसरी तरफ वही व्यक्ति है, जिसे आप घर का मेंबर या मित्र समझ रही हैं? ऐसे में हम ने तो एक फॅमिली कोड बना रखा है, जिसे सिर्फ हमें ही पता है. हम अक्सर फॅमिली कोड मांगते हैं एक-दूसरे से फ़ोन पर. और यह कोड बदलते भी रहते हैं. टारगेट प्रैक्टिस है अभी. काम की हो सकती है लेकिन कभी. आप भी try करें.
8. इंटरनेट के ज़रिये हमें अपार जानकारी उपलब्ध है. मुफ्त. लेकिन If you're not paying for it, you are the product (जहाँ आप को कुछ भी मुफ्त दिया जा रहा है, वहाँ प्रोडक्ट आप खुद हैं). यह कहावत है. शायद सच है.
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