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Friday 23 December 2016

whats-app ज्ञान- 4

न्यायालय मे पूरी ईमानदारी से काम होता है।
सचिवालय मे पूरी ईमानदारी से काम होता है 
नगरपालिका मे पूरी ईमानदारी से काम होता है ।
आटीओ मे पूरी ईमानदारी से काम होता है ।
हास्पिटल में पूरी ईमानदारी से काम होता है ।
इनकम टैक्स डिपार्टमेन्ट मे पूरी ईमानदारी से काम होता है ।
सेल्स टैक्स डिपार्टमेन्ट मे पूरी ईमानदारी से काम होता है ।
रेलवे डिपार्टमेन्ट मे पूरी ईमानदारी से काम होता है ।
पासपोर्ट डिपार्टमेन्ट मे पूरी ईमानदारी से काम होता है ।
सरकारी विद्यालयों मे पूरी ईमानदारी से काम होता है ।
भारत के संसद मे पूरी ईमानदारी से काम होता है ।
मिडिया मे पूरी ईमानदारी से काम होता है ।
यहाँ तक की मुरदाघरो मे भी पूरी ईमानदारी से काम होता है।


बस भारत के व्यापारी ईमानदारी से काम नहीं करते ।
जय हो भारत की जनता ।

व्हाट्स- एप - ज्ञान-- 3

पार्टी को:-- 100% छूट।
चोर को:-- 50% छूट ।
जनता को:-- 5000 का भी हिसाब देना पड़ेगा,
समझ नहीं आ रहा है कि ऐसे कौन सा काला धन निकलेगा ??
एक तनख्वाह से कितनी बार टैक्स दूँ और क्यों..........
मैनें तीस दिन काम किया, 
तनख्वाह ली - टैक्स दिया
मोबाइल खरीदा - टैक्स दिया
रिचार्ज किया - टैक्स दिया
डेटा लिया - टैक्स दिया
बिजली ली - टैक्स दिया
घर लिया - टैक्स दिया
TV फ्रीज़ आदि लिये - टैक्स दिया
कार ली - टैक्स दिया
पेट्रोल लिया - टैक्स दिया
सर्विस करवाई - टैक्स दिया
रोड पर चला - टैक्स दिया
टोल पर फिर - टैक्स दिया
लाइसेंस बनाया - टैक्स दिया
गलती की तो - टैक्स दिया
रेस्तरां मे खाया - टैक्स दिया
पार्किंग का - टैक्स दिया
पानी लिया - टैक्स दिया
राशन खरीदा - टैक्स दिया
कपड़े खरीदे - टैक्स दिया
जूते खरीदे - टैक्स दिया
किताबें ली - टैक्स दिया
टॉयलेट गया - टैक्स दिया
दवाई ली तो - टैक्स दिया
गैस ली - टैक्स दिया
सैकड़ों और चीजें ली फिर टैक्स दिया, कहीं फ़ीस दी, कही बिल, कही ब्याज दिया, कही जुर्माने के नाम पे तो कहीं रिश्वत देनी पड़ी, ये सब ड्रामे के बाद गलती से सेविंग मे बचा तो फिर टैक्स दिया----
सारी उम्र काम करने के बाद कोई सोशल सेक्युरिटी नहीं, कोई पेंशन नही , कोई मेडिकल सुविधा नहीं, बच्चों के लिये अच्छे स्कूल नहीं, पब्लिक ट्रांस्पोर्ट नहीं, सड़के खराब, स्ट्रीट लाईट खराब, हवा खराब, पानी खराब, फल सब्जी जहरीली, हॉस्पिटल महंगे, हर साल महंगाई की मार,आपदाए, उसके बाद हर जगह लाइनें।।।।
सारा पैसा गया कहाँ????
करप्शन में...........
इलेक्शन मे......
अमीरों की सब्सिड़ी में,
मालिया जैसो के भागने में,
अमीरों के फर्जी दिवालिया होने में,
स्विस बैंकों मे,
नेताओं के बंगले और कारों मे,सूट,बूट, विदेशी यात्राओं में ,रैली पर ,जियो पर
और हमें झण्डू बाम बनाने मे।
अब किस को बोलू कौन चोर है???
आखिर कब तक हमारे देशवासी यूँ ही घिसटती जिन्दगी जीते रहेंगे?????
मैं जितना देश और इस पर चिपके परजीवियों के बारे मे सोचता हूँ, व्यथित हो जाता हूँ।
समय आ गया है कि आगे बढें और ढोंगी ,नाटकबाजों को समझें तथा भक्ती से बाहर निकालें........