सम्भोग
   सम्भोग  शब्द  का  अर्थ  है  जिसे  स्त्री पुरुष  समान  रूप  से  भोगे.  लेकिन  कुदरती तौर  पर  स्त्री पुरुष  से कहीं ज़्यादा  काबिल  है  इस  मामले  में.  उसका  सम्भोग  कहीं  गहरा  है, इतना गहरा  कि  वो  हर  धचके   के  साथ    कहीं गहरा  आनंद  लेती  है, पुरुष  ऊपर-ऊपर  तैरता  है, वो गहरे  डुबकियाँ  मार  रही होती है, जभी तो  हर  कदम में बरबस  उसकी सिसकियाँ  निकलती  हैं.  और फिर  ओर्गास्म.  वो  तो  इतना  गहरा  कि  पुरुष  शायद  आधा  भी आनंदित  न  होता  हो.  कोई सेक्सो-मीटर हो  तो वो मेरी  बात को साबित कर देगा.  और  उससे  भी बड़ी   बात  पुरुष  एक ओर्गास्म  में खल्लास, यह  जो  शब्द है  स्खलित  होना, उसका  अर्थ  ही है, खल्लास  होना. खाली होना, चुक  जाना. लेकिन वो  सब  पुरुष  के  लिए  है, वो  आगे  जारी नहीं  रख  सकता.  लेकिन  स्त्री  के  साथ  ऐसा  बिलकुल  नहीं   है.  वो  एक  के  बाद  एक  ओर्गास्म  तक  जा  सकती  है.  जाए  न  जाए, उसकी मर्ज़ी, उसकी शारीरिक और मानसिक क्षमता और  एच्छिकता, लेकिन  जा  सकती है.   तो मित्रवर, निष्कर्ष  यह  है  कि सम्भोग  शब्द  बहुत  ही भ्रामक  है. सेक्स  में  सम्भोग  बिल...