"Har Ghar Tiranga" is a Political Gymic like "Har Har Modi- Ghar Ghar Modi".
Thoughts, not bound by state or country, not bound by any religious or social conditioning. Logical. Rational. Scientific. Cosmic. Cosmic Thoughts. All Fire, not ashes. Take care, may cause smashes.
Thursday, 29 September 2022
Questioning Modi Govt.
Ramdev shouldn't criticise Allopathy? But Why?
Supreme Court says that Ramdev shouldn't criticise Allopathy.
Dogs are gods.
Dogs are becoming gods.
Arguing with Theists against Religion is Useless
Never argue about religions with staunch religious people. They have become religious by renouncing rationality.
Sunday, 18 September 2022
Gyms are frauds.
Gyms are frauds. A muscular body with 6 pack abs doesn't mean a healthy body. So many healthy-looking people have died in Gyms. So many professional bodybuilders have died recently.
No Condolence Meetings on Deaths please.
A very impressive thing I read in the Death Note of Cyrus Mistry published in a News Paper, "No Condolence Meetings be arranged".
Death..come anyway..welcome
DEATH.
Hindi film Industry, as it is, must be finished
Hindu Brigade is trying its best to finish Hindi film Industry feeling that it is against Hindu beliefs.
Wednesday, 13 July 2022
Best Dining Table and Best Bed
Do you know, what is the best Dining Table in the world?
You have been conned that at a certain age you get old, you die.
Age is nothing except a number. You have been conned that at a certain age you get old, you die.
you shall be so POOR that you shall have nothing except money.
Most of you are just money making machines.
Tax on Sex
Indian Govt must increase salaries of its statemen and the office bearers.
Define Blasphemy
"Ram sent Sita to the Jungles when she was pregnant."
Courts are Societarians, not Trutharians.
Courts are Societarians, not Trutharians.
Blasphemy & Contempt of Court-- both laws are against Humanity
Blasphemy
&
Contempt of Court,
both these laws are against the
free speech,
free thinking,
free society,
free humanity.
Must be abolished.
Allopathy has conned you.
Allopathy has conned you.
Saturday, 18 June 2022
Agneeveer
To give employment to the public, is not the duty of the Govt.
Wednesday, 15 June 2022
A Joke
Today is not my birthday in ordinary sense but actually it is because everyday is a new day and it gives birth to a new me.
Another Pollution
You must have heard of air pollution, water pollution, sound pollution.
Me and Our District Park
I go to District park in the morning. It is a huge park. One cycle 1.75 km.
Selfie maine le li aaj
With the advent of FB, IG and other social media platforms, we have become too much self conscious.
Talent is not something in Genes
Talent is not something in Genes. Not at all. It is all upbringing.
I am ir-religious
I am an ir-religious person as you know.
Small dips of Meditations
Earlier I thought that a Meditator must be in the Meditative state for hours.
I tried the same for myself. Failed.But I understood that it is easier to be in Meditation for small times. For a few minutes. Some times for seconds only. But that too is something Heavenly.
These small Dips. Every one should learn small dips of Meditations, learn to remain with oneself, with the Self. It is a Gift to oneself. If you miss the Meditation, you have missed the Greatest offer of the life. ~Tushar Cosmic
Thursday, 2 June 2022
अमेरिका के स्कूल में घुस के एक 19 साल के लडके ने 19 बच्चों को और 2 टीचरों को मार दिया
अमेरिका के स्कूल में घुस के एक 19 साल के लडके ने 19 बच्चों को और 2 टीचरों को मार दिया. और आप सपना पाले हैं अमेरिका में बसने का. छोटे-छोटे स्कूली बच्चे, ज़िन्दगी देखने पहले ही रुखसत कर दिए गए ज़िंदगी से. बिना किसी कसूर के. क़त्ल कर दिए गये. क्यों? चूँकि अमेरिका में हर कोई बन्दूक रख सकता है. आसान है. तो फिर हर कोई हर कोई को कभी भी मार भी सकता है. मार भी रहा है. वहां युद्दों में इतने लोग नहीं मारे जा रहे जितने इस तरह से मारे जा रहे हैं. यहाँ भारत में भी लोग गन रखे जाने की वकालत करते हैं, कभी नहीं दी जानी चाहिये, वरना जिसका भी भेजा फिरेगा, वो ऐसे ही कत्लेआम मचा देगा. जिन के बच्चे मारे गए, उन माँ बाप का क्या हाल होगा? सोचिये ज़रा~ तुषार कॉस्मिक
दीन-धरम अपनी आलोचना से क्यों डरता है?
यदि आप के नबी सच्चे हैं, आप के अवतार सही हैं तो फिर आलोचना से काहे की परेशानी, काहे का बवाल? चिकने घड़े पर पानी कहाँ टिक पाता है?
नबी नबी हैं, अवतार तो हैं ही स्वयं भगवान. उन की आलोचना से फर्क ही क्या पड़ना है?
उल्टा जिन को शँका होगी भी कोई, तो वो भी निरस्त हो जाएगी. ईमान-धर्म और पक्का हो जायेगा. और निखर जायेगा.
लेकिन आप तो उल्टा करते हैं, यदि कोई कुरान-पुराण से ही कोई बात निकाल दिखाता है जो आज आपतिजनक दिखती है तो आप aggressive हो जाते हैं. इस से तो शंकाएं और मज़बूत होंगी कि ज़रूर दाल में कुछ काला है.
आप यूँ समझिये कि विज्ञान की किसी भी थ्योरी को कोई भी कभी भी चैलेंज कर सकता है, है या नहीं. वैज्ञानिक कोई झंडे-डंडे ले निकल पड़ते हैं कि नहीं, यह न होने देंगे? कि हमारे Newton की, आइंस्टीन की शान में गुस्ताखी हो गयी?
नहीं न. आलोचना से, चैलेंज से विज्ञान और दो कदम आगे बढ़ता है, निखरता है. फिर यही बात दीन पर, धर्म पर लागू क्यों नहीं? बताएं? ~ Tushar Cosmic
"मेन स्ट्रीम मीडिया" Versus s "सोशल मीडिया"
"मेन स्ट्रीम मीडिया" और "सोशल मीडिया" दोनों में कम्पटीशन है. दोनों एक दूजे को झूठा बताते हैं. लेकिन "मेन स्ट्रीम मीडिया" समाज और उस से भी बढ़ कर सरकार का भोंपू है.
सोशल मीडिया काफी कुछ खुला खुला है, जहाँ कोई भी लगभग कुछ भी लिख सकता है. अभी तक का सब से खुला मंच Telegram है. यह WhatsApp जैसा है, लेकिन उस का बाप है. वैसे तो आप को "मेन स्ट्रीम मीडिया" और सोशल मीडिया दोनों से जुड़े रहना चाहिए लेकिन "मेन स्ट्रीम मीडिया" न भी हो, तो भी सोशल मीडिया काफी है. सही न्यूज़ और व्यूज मिल ही जाते हैं, बशर्ते आप ने बुद्धि भी लगाई हो. ~ तुषार कॉस्मिक
Spammy World
So much spam!
Sunday, 29 May 2022
Flipkart की ऐसी की तैसी/ Online शॉपिंग के नुक्सान
फायदे भी हैं, वो फिर कभी. आज नुक्सान और दिक्कतें.
मेरे व्यक्तिगत अनुभव के साथ.
Flipkart से जूते मँगवा लिए भई. Adidas. पैसे दिए गए. डिलीवर हो गए. जब पहने तो टाइट. तुरत return के लिए डाल दिए.
Pickup करने जो आया तो वो ले ही नहीं गया. बोला इस में जो बार कोड है, वो मैच नहीं कर रहा. हम ने फिर pickup के लिए डाला.
अब एक लड़की आई. वो तो over-smart. बोली इस में original डब्बा नहीं है कंपनी का. हम ने कहा. "डब्बा जो मिला उसी पर स्टीकर लगा है, जिस पर सारी राम कहानी छपी है." लेकिन नहीं, वापिस छोड़ गयी.
फिर Flipkart को सम्पर्क करने का प्रयास किया. तो आप सीधा तो फ़ोन कर ही नहीं सकते. आप रिक्वेस्ट डालते हो callback की और फिर वो वापिस फोन करते हैं. मैंने सारी कथा बांच दी. अगले ने कहा, Higher Authority बात करेगी. मैंने कहा, "करवाओ बात." उस ने कहा, "Callback आएगा. "
ठीक है. मतलब आप सीधा तो बात भी नहीं कर सकते. अगलों को जब सुविधा होगी, वो फोन करेंगे. उन का फोन आया, तो मैं स्कूटी चला रहा था, नहीं हुई बात. फिर complaint की. लेकिन बात हो ही नहीं पाई Higher Authority से.
मैं हैरान! "क्या बात करनी है, उन्होंने मुझ से?" मैं सब तो बता चुका. जूतों की, डब्बों की फोटो तक भेज चुका था.
फिर मुझे इ-मेल आया कि मैं अपना id भेजूं, फिर पैसे रिफंड मिलेंगे. बढ़िया! बैंक अकाउंट डिटेल पहले ही ले चुके थे वो. अब id भी चाहिए थी.
खैर, मैंने वोटर कार्ड भेज दिया. Pickup करने वही लड़की आई , लेकिन फिर छोड़ गयी. वो लोग अब सिर्फ ड्रामा कर रहे थे. जूता वापिस नहीं लेना था. सो नहीं लिया.
मैंने लिखा, "मैं सोशल मीडिया पर लिखूंगा."
लेकिन उन को कतई कोई परवा थी ही नहीं. मेरे पैसे मिटटी हो गए.
अब पीछे मुड़ कर देखता हूँ तो ऐसा लगता है कि Flipkart Seller ने जानबूझ कर गलत Bar Code लगाया होगा, जानबूझ कर Original Box नहीं दिया होगा ताकि प्रोडक्ट वापिस न हो पाए. Flipkart ने जानबूझ कर ऐसा कर रखा है कि ग्राहक डायरेक्ट इन को e-mail न कर पाए, फोन न कर पाए. सब कण्ट्रोल अपने हाथ में रख रखा है.
कुल कहानी यह है कि हमारे पैसे पहले चले जाते हैं. अब प्रोडक्ट खराब निकले तो हम इन की दया दृष्टि पर निर्भर होते हैं. पैसे वापिस मिलें न मिलें. ऐसे में नतीजा यह निकाला कि ऑनलाइन शॉपिंग बहुत ही ध्यान से करो और बहुत ही कम करो.
आप अपना एक्सपीरियंस लिखें. मुझे बहुत ही गुस्सा है flipkart के खिलाफ. इन कि तो ऐसी की तैसी.
तुषार कॉस्मिक