Wednesday, 8 August 2018

हम

हम पार्कों में नकली हंसी हंसते हैं, चूँकि हमारी कुदरती हंसी-ख़ुशी खो चुकी है. 'हास्य-योग' बना रखा है हमने.

हम हस्त-मैथुन कर रहे हैं, चूँकि कुदरती काम-क्रीड़ा पर हमने पहरे लगा रखे हैं, कानून बांध रखे हैं.

हम ऐसे लोगों के मरण पर अफ़सोस ज़ाहिर कर आते हैं जिनके मरने से हमें ख़ुशी होती है. चलो पिंड छूटा.

हम नेता को गाली देते हैं लेकिन सामने पड़ जाये तो पूँछ हिलाते हैं.

हम भूल चुके हैं कि असली क्या है और नकली क्या है. हमारे असल में नकल है और नकल में असल है. स्त्रियाँ नकली सम्भोग-आनन्द दर्शाती हैं ताकि पुरुष खुश रहे. नकली चीखती चिल्लाती हैं. नकली ओर्गास्म. अंग्रेज़ी में तो कहावत ही है, Fake it till you make it". जब सोना न खरीद सको तो नकली सोना पहन लो.

हम इन्सान हैं. 
हम सब जानवरों से बुद्धिमान हैं, हम महान हैं..

No comments:

Post a Comment