तुम्हारा सपना क्या होता है? सफलता क्या है तुम्हारी नजर में? खूब सारा पैसा. या फिर शोहरत. यही न. काफी है. इडियट हो तुम! सुशिल कुमार ने दो बार ओलिंपिक मैडल जीता. सब मिल गया था उसे. फिर भी एक लाख रुपये का इनामी भगोड़ा घोषित होने के बाद क़त्ल के केस में बंद है. ज़िंदगी में हार बर्दाश्त करना बहुत ज़रूरी है लेकिन उससे भी ज़रूरी जीत बर्दाश्त करना है. सुशील कुमार जीत हज़म नहीं कर पाया. उलटी कर दी. मेरी नज़र में सफलता हालात के मुताबिक विवेक से जीना है. चाहे हालात जैसे भी हों.
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