"कंकण्ड पत्थर जोड़ के मस्ज़िद लियो बनाये
ता चढ़ मुल्ला बांग दे, क्या बहरा हुआ खुदाय"
अब इस पे भाई-जान कहते कि ये खुदा नहीं, मुसलमान को बुलाने को बांग दी जाती है, तो भी मैं कहना चाहता हूँ
"कंकण्ड पत्थर जोड़ के मस्ज़िद लियो बनाये
sms के ज़माने में, ऊँची-ऊंची बांग दे, मोहल्ला दियो जगाए"
कैसी रही?
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