Thursday, 10 June 2021

क्या जीना डरे-डरे और मरे-मरे

घण्टा!!!

हम न बजाते मन्दर में.

और 

न ही मुँह छुपाते फिरते. 

खुल्ला जीते. 

मौत की आँखों में आँखें डाल.

आ जा, जब आना हो लेकिन जब तक जीएंगे खुल के जीएंगे.

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