खाना कम नहीं करो ....शारीरिक श्रम बढ़ाओ...फिर खाना खाते हुए भी सोचोगे कि बहुत मेहनत करनी पड़ती है.....सो थोडा हिसाब से खाओ.....यह है तरीका...वो भी खाना घटाने का नहीं, बस बदलने का होता है.....जैसे घास फूस बढ़ाओ खाने में........फल-फूल-पत्ते ज़्यादा खाओ....जैसे चौपाये खाते हैं......फिर मिला जुला अनाज खाओ....जैसे पक्षी खाते हैं...तुम ने कोई जानवर, कोई पक्षी मोटा देखा?.. जो हैं, तो वो इंसानों की कुसंग की वजह से. मैंने देखें हैं पालतू कुत्ते जिन से चला तक नहीं जाता, इतने मोटे हैं. इन्सान अपनी लानतें अपने कुत्तों पे भी भेज रहा है. जानवरों से, पंछियों से सीखो. वो अभी इंसानी मूर्खताओं से दूर हैं. ~ तुषार कॉस्मिक
No comments:
Post a Comment