Thursday 19 May 2022

हिन्दू लोग खुद को शांतिप्रिय मानते हैं. ...सच में क्या?

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Public क्या हिन्दूओं ने कभी किसी पे आक्रमण नहीं क्या?
हिन्दू यह कहते हैं कि उन्होंने कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया तो झूठ बोलते हैं........खूब लड़ते-मरते थे.
राम और रावण में मुसलमान तो कोई नहीं था. दोनों के इष्ट एक ही थे. शिव. किसी ने किसी पर आक्रमण नहीं किया तो यह युद्ध क्यों हुआ?
क्या आप को पता है, युद्ध के दौरान राम की सेना ने लंकावासियों को जिन्दा जला दिया था? Ram's army burnt and killed Civilians of Lanka (Yudha Kand/Sarg-75)
राम ने अपने राज्य की सीमा बढ़ाने को ही तो अश्व छोड़ा था. जहाँ-जहाँ अश्व जाता था, वहां के राजा को यह मेसेज था कि युद्ध करो या फिर राम की अधीनता स्वीकार करो. यह युद्ध-पिपासा नहीं तो और क्या था?
महाभारत में न सिर्फ भारत बल्कि आस-पास के राजा भी लड़े मरे थे....तभी तो नाम महाभारत हुआ....कौन थे ये लोग? कौरव पांडव? यह एक गृहयुद्ध था जो देश-विदेश तक फ़ैल गया था और हम कहते हैं कि हिन्दुओं ने कभी कोई आक्रमण नहीं किया. किसी ने भी आक्रमण नहीं किया तो फिर यह युद्ध हो ही कैसे गया?
कलिंग के युद्ध में घोर रक्त-पात कोई मुसलमानों ने नहीं किया था.....पृथ्वीराज चौहान भरे दरबार में से संयोगिता को उठा लाया था और खूब युद्ध हुआ था जयचंद और उसका.............बात सिर्फ इतनी है कि यदि तैमूर-लंग तबाही मचाये तो वो विदेशी आक्रान्ता है, निंदनीय है और यदि अशोक राज्य फैलाए तो वो सम्माननीय है, सड़कों को उसका नाम दिया जा सकता है, अशोक चक्र को तिरंगे में लगाया जा सकता है.
मार-काट तो शैव और वैष्णवों में भी हुई.
मैंने सुना है कि बुद्ध धर्म के लोग के मुताबिक बुद्ध मन्दिर तोड़े गए, उन को भगाया गया, हिन्दू लोगों द्वारा. शायद ये जो साधुओं के अखाड़े है, ये इसी लिए बनाये गए थे. इन को वहां शस्त्र चलाना सीखाया जाता था ताकि ये बौद्ध लोगों को मार भगा सकें चूँकि बुद्ध की शिक्षाएं हिन्दुओं की जमी जमाई दूकान खराब कर रही थीं.
कुम्भ के शाही स्नान में कौन पहले करेगा इसलिए भी खूनी लडाइयां होती थी नागा बाबा अखाड़ों में. यह लडाईयाँ अंग्रेजों ने बंद करवाई थीं.
गुरु गोबिंद सिंह के बच्चे और परिवार जो शहीद हुए तो वजह सिर्फ़ मुग़ल हुक्मरान ही नहीं थे, पहाड़ी हिंदू राजे भी थे. कोई 50 के करीब थे ये राजे, जिन्होंने मुग़लों के साथ मिल कर गुरु साहेब पे आक्रमण किया था. नतीजा हुआ अनेक सिंहों और गुरु साहेब के परिवार की शहीदियाँ.
हिन्दू महासभा के ही किसी व्यक्ति ने तो ओशो पर भी हमला किया था.
दाभोलकर, पनसारे, कलबुरगी, Gauri Lankesh आदि लेखकों का मारा जाना निश्चित ही हिंदुत्व वादी सोच का नतीजा हैं
असल में हमारी दुनिया ही सीमित थी. हम बहुत दूर तक लड़ने जा नहीं पाए. जहाँ तक लड़ सकते थे लड़ते रहे.
इस के अलावा हिन्दुओं में जो जाति प्रथा है, वो क्या है? समाज के एक बड़े हिस्से को शूद्र (क्षुद्र) कर दिया गया, यह क्या कम हिंसक है? अभी भी खबरें आती रहतीं है कि छोटी जाति वाले ने बड़ी जात में शादी कर ली तो उस की हत्या कर दी गयी. यह है हिन्दू सहिष्णुता.
किसी रेखा को छोटा करना हो तो उस के बगल में बड़ी रेखा खींच दो. और वो रेखा इस्लाम ने खींच दी. सो अब वो छोटी रेखा नज़र ही नहीं आती.
इतिहास ठीक से समझिये, वर्तमान सही सही समझने में मदद मिलेगी.
~ तुषार कॉस्मिक

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