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एक बड़ा ही आदिम समाज, अवैज्ञानिक किस्म का समाज खड़ा हो जाता है

 मेरा इस्लाम का जो विरोध है उस के कई कारण हैं. एक यह है कि जहाँ-जहाँ इस्लाम पहुँचता है, यह वहां की लोकल कल्चर को खा जाता है. वहां के उत्सव, वहां का खाना-पीना, वहाँ का कपड़े पहनने का ढंग, सब कुछ खा जाता है. औरतें तरह-तरह के रंगीन कपड़ों की बजाए काले लबादों में लिपट जाती हैं. आदमी लोग ऊंचे-पायजामे, लम्बे-कुर्ते पहनने लगते हैं. अजीब दाढ़ी रखने लगते हैं.  गीत संगीत का बहिष्कार होने लगता है. उत्सव के नाम पर ईद-बकरीद बचती है. जिस में बकरीद पर  रस्से से बंधे बेचारे जानवर की गर्दन पर छुरी चलाई जाती है. बाकी सब उत्सव खत्म. और तो और, इस्लाम से पहले के इतिहास से भी समाज को तोड़ा जाता है. एक बड़ा ही आदिम समाज, अवैज्ञानिक किस्म का समाज खड़ा हो जाता है. न. ऐसी दुनिया नहीं चाहिए हमें. सो मैं इस्लाम के खिलाफ हूँ-खिलाफ रहूँगा. इन्शा-अल्लाह!~ तुषार कॉस्मिक

चालाकियाँ

क्या आप को पता है अब जो  ईसाई -करण किया जा रहा है, उस में नाम और पहचान बदलने का आग्रह नहीं है. एक सिक्ख का नाम और शक्लों-सूरत आप को सिक्ख जैसी ही नज़र आयेगी. लेकिन उस का ईसाई- करण  हो चुका होगा.  एक का नाम गोविंदा है लेकिन वो भी  ईसाई  है.  मैंने तो अमर सिंह और सतबीर, जगबीर नाम के मुसलमान भी देखे हैं.  कितना आग्रह है क्रिस्चियन और मुस्लिम का कि सब ईसाई हो जायें, सब मुसलमान हो जायें.  साम-दाम-दंड-भेद सब पैंतरे अपनाये जा रहे हैं इन द्वारा.  ये धर्म हैं? नहीं.  ये गिरोह मात्र हैं. ~तुषार कॉस्मिक

फिल्म आ रही है~ 83

 फिल्म आ रही है~ 83. जब भारत ने तथाकथित विश्व कप जीता था क्रिकेट का कपिल देव की अगुवाई में, उस पर आधारित है ये फिल्म.  सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज  मार्कंडेय काटजू  कहते हैं कि रोम में जनता की असल समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए सर्कस दिखाया जाता था, एरीना में ग्लैडिएटर को लड़वाया-मरवाया जाता था. ठीक वही है क्रिकेट. लोगों को असल मुद्दे समझ न आयें सो क्रिकेट दिखाया जाता है. कबड्डी, क्रिकेट और मिस यूनिवर्स, मिस वर्ल्ड जैसे नकली वैश्विक मुकाबले घड़े ही गए हैं जनता को चुटिया बनाने के लिए. एक होते हैं चूतिये, एक होते हैं महाचुतिये और एक होते हैं क्रिकेट देखने वाले. जय हो!~ तुषार कॉस्मिक

अक्सर सुनता हूँ कि हिन्दुओं ने आक्रमण झेले हैं लेकिन खुद कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया. गलत है सरासर यह.

अक्सर सुनता हूँ कि हिन्दुओं ने आक्रमण झेले हैं लेकिन खुद कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया. गलत है सरासर यह. अशोक ने कलिंग पर आक्रमण किया था या नहीं? कलिंग की धरती खून से लाल कर दी थी. पृथ्वीराज चौहान तो संयोगिता को भरे दरबार से उठा लाये थे. राम ने भी अपने राज्य की सीमा बढ़ाने को ही तो अश्व  छोड़ा था. मार-काट तो हिन्दू और बौधों में भी हुई. शैव और वैष्णवों में भी हुई. कुम्भ के शाही स्नान में कौन पहले करेगा इसलिए भी खूनी लडाइयां होती थी नागा बाबा अखाड़ों में. और हम कहते हैं हम ने कभी आक्रमण नहीं किया! असल में हमारी दुनिया ही सीमित थी. हम बहुत दूर तक लड़ने जा नहीं पाए. जहाँ तक लड़ सकते थे लड़ते रहे. ~तुषार

राधास्वामी: पव्वा सुबह, अद्धा शामी.

 "राधास्वामी: पव्वा सुबह, अद्धा शामी." मज़ाक में कहते हैं लोग. लेकिन मैंने देखें हैं राधास्वामी मांस खाते हुए. दारु पीते हुए. ज़्यादा मजेदार बात बताता हूँ आपको. दिल्ली के छतरपुर इलाके में सैंकड़ों एकड़ सरकारी ज़मीन हड़प रखी थी राधास्वामी ने. यहाँ हेलिपैड था,  आलीशान बंगले, एक कॉन्फ्रेंस हॉल, एक मोबाइल नेटवर्क कंपनी का टावर, जेनरेटर हाउस और पता नहीं क्या-क्या था!  कोर्ट आर्डर से प्रशासन ने तोड़-फोड़ की. जय हो!~ तुषार कॉस्मिक https://navbharattimes.indiatimes.com/metro/delhi/other-news/445-beegah-land-illegally-occupied-by-radha-swamy-satsang-byas-trust-secret-helipad-found-inside/articleshow/63310259.cms

हिंदी में पीछे एक से एक घटिया फिल्म बनी हैं.

हिंदी में पीछे एक से एक घटिया फिल्म बनी हैं. घिसी-पिटी कहानियाँ. रेप. मर्डर. सेक्स. भद्दे बेसुरे गाने. बस यही कुछ परोसा है ज्यादातर इन फिल्मों ने. पूछो तो बतायेंगे कि पुब्लिक डिमांड है ये सब. फुद्दू हैं ये फ़िल्मी लोग. इन की अक्लें ठस्स हैं. YouTube पर लाखों-करोड़ों views होते हैं आम लोगों के वीडियो पर. क्यों? चूँकि दुनिया अच्छा कंटेंट देखना-सुनना चाहती है. और इन चूतियों को लगता है कि कचरा ही परोसो. बंद करो देखना ताकि इन की अक्ल ठिकाने आये. ~तुषार कॉस्मिक

Dharma cannot be pre-settled

 I have already  said that I do not subscribe to any pre-settled Dharma. Dharma cannot be pre-settled. You feel like praying under the sky, you pray. You feel like kissing a tree, you kiss. You feel like bowing before a beggar, a rag picker, a shoe maker, you bow. You feel dancing in the rain, you dance. That is Dharma. Dharma cannot be pre-settled. Prayer can not be pre-defined. Got it?~ Tushar Cosmic

कोरोना का कुल-जमा खेल

 कोरोना का कुल-जमा खेल बस इतना है कि एक टेस्ट के ज़रिये लोगों को वायरस-युक्त घोषित किया जा रहा है और जो मौत औसतन होनी थी, वही हुई, वही हो भी रही हैं लेकिन उन सब मौतों को "कोरोना मृत्यु" घोषित किया जा रहा है. बाकी सब "हफ़ड़-दफड़" का नतीजा है.  असल में एक भी मौत न कोरोना से हुई है, न हो रही है. Lockdown, जबरन वैक्सीनेशन तरीका है पूरी दुनिया को कण्ट्रोल करने का. Human Rights खत्म करने का. इस से निबटने का तरीका मात्र इतना है कि इस षड्यंत्र का पर्दाफाश करें. सरकारी बकवास आँख बंद कर के मत मानें. सवाल खड़े करें. आपका, आप के बच्चों का सवाल है जनाब ....~ तुषार कॉस्मिक

क्रिसमस

 क्रिसमस आ गयी बस. बता दूँ, सब से ज़्यादा जो कत्ल हुए हैं वो ईसाईयत के लिए हुए हैं, इस्लाम से भी ज़्यादा. गलेलियो वृद्ध थे, उन को चर्च में घसीटते हुए ले जाया गया चूँकि उन्होंने बोल दिया था कि धरती सूरज के गिर्द घूमती है, सूरज धरती के गिर्द नहीं घूमता. अब यह बात बाइबिल के उल्ट पड़ती थी. सो गलेलियो को माफी माँगने के लिए मजबूर किया गया. 'जॉन ऑफ़ आर्क' किशोरी थीं, जिस को चर्च ने झूठे इलज़ाम लगा कर ज़िंदा जला दिया. न सिर्फ उसे बल्कि बहुत सी और बुद्धिशाली औरतों को जादूगरनी (Witch) घोषित कर के जिंदा जला दिया गया. मजे की बात यह है कि चर्च ने बाद में 'जॉन ऑफ़ आर्क' को माफ़ी मांगते हुए संत की उपाधि दे दी. और गलेलियो के साथ दुर्व्यवहार के लिए भी माफी माँगी. वैसे Merry Christmas. ~ तुषार कॉस्मिक

सिक्ख इतिहास जो है न वो गज़ब है

जन्म हुआ सिक्ख परिवार में. पालन-पोषण हुआ हिन्दू-सिख परिवार में. न मैं हिन्दू, न सिक्ख और न ही किसी और स्थापित धर्म को मानता हूँ. लेकिन सिक्ख इतिहास जो है न वो गज़ब है, यह मैं मानता हूँ. ज़रा सुई चुभ जाये तो हिल जाते हैं हम और ये गुरु-शिष्य जान की बाज़ी खेल गए. गुरु गोबिंद को सर्व-वंश-दानी कहा जाता है. पिता, पुत्र, माता, स्वयम और पुत्र-पुत्रियों जैसे हजारों-लाखों शिष्य कुर्बान कर दिए. किस लिए? जो सही लगा उस के पक्ष में और जो गलत लगा उस के खिलाफ. दिसम्बर समय है उन की कुर्बानियों को याद करने का. नमन करने का.  पूरी दुनिया को गुरु गोबिंद और उन के शिष्यों के जज़्बे, उन के संघर्ष, उन की जीत, उन के बलिदानों की कहानियाँ पढ़नी चाहियें, सुननी चाहिए. ...तुषार कॉस्मिक 

The target is you, not the Virus, not the Alien, not anything-anyone else.

 Believe me,  there are further false Crisis coming. Probably an "Alien Attack" or a "Chicken Virus" or a "Mosquito Virus" and another WHO/ IMF Protocol to quarantine you, vaccinate you, un-employ you and kill you. YOU. Yes, you the Idiots. The target is you, not the Virus, not the Alien, not anything-anyone else. Why? Because you are being considered just a "Biological Waste", a roadblock in the progress of new scientific and technological society, because you are soaked in you so-called religious-unscientific-childish Bullshits, because it's far easier to wipe you instead of reforming you.~ Tushar Cosmic

What's in a name?

 "What's in a name? That which we call a rose by any other name would smell as sweet” (Quote from Romeo and Juliet by William Shakespeare). But I feel there is a lot in name. My original name was Veeru (Veer Singh probably). Then I had been given another name 'Bal Krishan'. Then I changed it to 'Tushar Arora' which I further changed to 'Tushar Cosmic' in all of my writings and videos. My first daughter's name is 'Sufi Siddhi' and second daughter's name is 'Kuhu Kosmic'. Very much Peculiar names. Ha! And they say , "What is there in  name?"~ Tushar Cosmic

सिक्ख इस्लाम और मुसलमान के प्रभाव में हैं

 मेरा मानना है कि सिक्ख इस्लाम और मुसलमान के प्रभाव में हैं लम्बे समय से. सन 80-84 के दौर में जो हथियार थे खालिस्तानियों के पास, वो कहाँ से आये थे? निश्चित ही पाकिस्तान से. अब ये जो निहंगों ने टीकरी बॉर्डर पर एक सिक्ख काट दिया सरे आम और अब  हरमंदिर में एक बन्दा पीट-पीट के मार दिया यह सोच कहाँ से आई? निश्चित ही इस्लाम से.  न तो किसी गुरु ने ऐसा करने को कहा है और न ही गुरु ग्रन्थ में ऐसा कहीं लिखा है, जितना मुझे पता है. यह सिक्खी नहीं है? यह इस्लाम है...तुषार कॉस्मिक 

डायबिटीज

 मैं एलॉपथी द्वारा घोषित बहुत सी बीमारियों को न तो बीमारी मानता हूँ और न ही इन के इलाज को इलाज. डायबिटीज. शुगर ऐसी ही बीमारी है, जो समस्या तो है लेकिन बीमारी बिलकुल नहीं. बीमारी इसे एलॉपथी ने बनाया है. अब तो हर घर में डायबिटीज का मरीज़ पाया जाता है. और थोड़े समय बाद हर इन्सान ही डायबिटीज का शिकार माना जाने वाला है. क्या है यह? बात मात्र इतनी सी है कि हम शरीर में दशकों तक ऐसा भोजन डालते जाते हैं, इतना भोजन डालते जाते हैं, जिसे वो पचा नहीं पाता. लेकिन हम फिर भी नहीं मानते. अंत में शरीर हाथ खड़े कर देता है. इसे ही हम कहते हैं कि इन्सुलिन बनना बंद हो गया है. लेकिन हम इंजेक्शन लगाते हैं इन्सुलिन का, ताकि किसी तरह हम वही बकवास खाना खा सकें जो हम सदियों से खाते आ रहे हैं. इलाज इस का मात्र इतना है कि खाना बहुत कम खाओ और जहाँ तक हो सके पका हुआ खाना न खाओ और गधे की तरह शरीर का काम करो. बेहतर है लेबर चौक पर जा बैठो. 500 रुपये दिहाड़ी कमाओगे और शुगर से छुटकारा भी  पाओगे. तुषार कॉस्मिक

"God created man in his own image." ~ BIBLE. घण्टा!बजाते रहो!!

"God created man in his own image." ~ BIBLE. घण्टा! बजाते रहो!! कुत्ता अगर सोचेगा गॉड के बारे में तो एक बड़े से, सुंदर से, शक्तिशाली से, स्वस्थ से कुत्ते की कल्पना ही करेगा और ऐसा ही गधा करेगा और ऐसा ही सुअर.  कुत्ते का भगवान कुत्ता, सुअर का सुअर औऱ गधे का गधा ही होगा. पक्का! बेशक पूछ कर देखो. मुर्गों के लिए इंसान शैतान है और KFC नरक!! बताया है उन्होंने इंटरव्यू में. सच्ची. Dog Promise. ~ तुषार कॉस्मिक