अक्सर सुनता हूँ कि हिन्दुओं ने आक्रमण झेले हैं लेकिन खुद कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया. गलत है सरासर यह. अशोक ने कलिंग पर आक्रमण किया था या नहीं? कलिंग की धरती खून से लाल कर दी थी. पृथ्वीराज चौहान तो संयोगिता को भरे दरबार से उठा लाये थे. राम ने भी अपने राज्य की सीमा बढ़ाने को ही तो अश्व छोड़ा था. मार-काट तो हिन्दू और बौधों में भी हुई. शैव और वैष्णवों में भी हुई. कुम्भ के शाही स्नान में कौन पहले करेगा इसलिए भी खूनी लडाइयां होती थी नागा बाबा अखाड़ों में. और हम कहते हैं हम ने कभी आक्रमण नहीं किया! असल में हमारी दुनिया ही सीमित थी. हम बहुत दूर तक लड़ने जा नहीं पाए. जहाँ तक लड़ सकते थे लड़ते रहे. ~तुषार
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