सुबह ग्राहक भगवान का रूप होता है और दुकानदार भक्त, दोपहर तक ग्राहक तिल बन जाता है जिसमें से तेल निकालना ही होता है चूँकि तेल तिलों में से ही निकलता है, शाम होते-होते ग्राहक घास हो जाता है जिससे दुकानदार रूपी घोडा यारी नहीं कर सकता क्यूंकि घोड़ा घास से यारी करेगा तो खाएगा क्या?
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