"सत्ती मैया का चौरा"

 "सत्ती मैया का चौरा"

जैसे ही उसके मृत पति की लाश अर्थी पर रखी जाती, उसे खूब नशा पिलाया जाता.फिर एक भीड़ ढोल-नगाड़ों के शोर के साथ उसे घसीटते हुए श्मशान ले जाती. वहाँ पति की जलती चिता में उसे फेंक दिया जाता. वो बाहर आने का प्रयास करती तो उसे वापिस धकेल दिया जाता. चीखती तो भीड़ और ज़्यादा चीखती, नगाड़े और ज़ोर से बजाए जाते. फिर वो हार जाती, जल जाती, मर जाती.
भीड़ चिल्लाती,"सती मैया की जय." फिर वहाँ पे एक मंदिर बन जाता.सत्ती मैया का चौरा. लोग वहां धूप-दीप करने लगते.
आज भी आपको ऐसे सत्ती मैया के चौरे मिल जाएंगे.
होली दहन था आज, सोचा कुछ याद दिला दूं.
जय हिंदुत्व. जय मोदी.
मोदी. मोदी. मोदी...
तुषार कॉस्मिक

Comments

Popular posts from this blog

Osho on Islam

RAMAYAN ~A CRITICAL EYEVIEW