इस्लाम एक कबीले के 'कोड ऑफ कंडक्ट' की तरह काम करता है.
दूजे धर्म के लोगों से कमा लेंगे लेकिन उसे कमाने नहीं देंगे, जहां तक सम्भव हो मुस्लिम मुस्लिम को ही बिज़नेस देगा.
गोश्त बेच किसी को भी देंगे लेकिन खरीदेंगे सिर्फ मुस्लिम से, वही हलाल है, बाकी सब हराम है.
दूजे धर्मों की बेटी को मुस्लिम बना के ब्याह कर ले जाएंगे लेकिन अपनी बेटी दूसरे धर्मों में देंगे नहीं, मार-काट मच जाएगी.
कोई भी और धर्म का व्यक्ति मुस्लिम बन जाये इनको बड़ी खुशी होगी, और मुस्लिम इस्लाम छोड़ दे तो हिंसा हो जाएगी.
हज़ार गैर-मुस्लिम घरों में एक मुस्लिम घर रह लेगा लेकिन सौ मुस्लिम घरों के बीच पचास गैर-मुस्लिम घरों का रहना भी मुश्किल है.
आबादी बढ़ाएंगे ताकि वोट की ताकत हासिल कर सकें ताकि सत्ता हासिल कर सकें.
वोट देंगे तो सबसे पहले देखेंगे कि नेता मुस्लिम-परस्त है कि नहीं.
अपने पूजा-स्थलों में गैर-मुस्लिम को घुसने नहीं देंगे लेकिन इनके मंदिरों में, गरबे में एंट्री चाहिए.
समझो और मुकाबला करो..तुषार कॉस्मिक
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