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Why anonymous complaints are not taken by the Government?

You cannot lodge a complaint to any of the Government Department anonymously these days. This is stupid. Then why did the Police advertise, "We shall give Rs...........to the informer and the identity of the informer shall be kept secret?" It means Government understands the value of keeping the identity of the informer anonymous. Then why the heck they insist on disclosing the complainant's identity? Even the Kings used to go in the public hiding their identity to know the real problems of their state.

"पश्चिम बंगाल"-???

  क्या आप जानते हैं, भारत के पूर्व में होने के बावजूद इसे "पश्चिमी" बंगाल क्यों कहा जाता है? क्योंकि यह अंग्रेजी राज के "बंगाल प्रांत" के पश्चिम में था। भारत आज भी अंग्रेजी राज के अवशेषों को "पश्चिमी" बंगाल कह कर ढो रहा है।

स्पैम कॉल और संदेश

स्पैम कॉल और संदेश एक वास्तविक समस्या हैं। और जीनियस सरकार ने एक विनियमन तैयार किया है कि उपभोक्ता ही दूरसंचार विभाग को सूचित करेगा कि वे परेशान नहीं होना चाहते हैं। कितना बेवकूफ़! अगर मैंने किसी को निमंत्रित नहीं किया है तो इसका सीधा सा मतलब है कि मैंने उसे निमंत्रित नहीं किया है. लेकिन यहां मैं बिन बुलाए कॉल करने वालों/संदेशवाहकों को सूचित करना चाहता हूं कि उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया है। उल्टी गंगा.

आम आदमी पार्टी दिल्ली की प्रत्येक महिला को 1000 रुपये देगी।

क्यों? ताकि महिलाएं उन्हें वोट दे सकें. हा हा हा हा हा हा! कांग्रेस वोटों के लिए अवैध रूप से भुगतान करती थी। यह वोट खरीदने का कानूनी तरीका है.

अमेज़न ने बेची गई वस्तुओं को "वापसी योग्य" से "बदली जाने योग्य" में बदल दिया है---BEWARE

अमेज़न सबसे बड़ा ऑनलाइन रिटेल व्यापारी है। इसने बेची गई वस्तुओं की अपनी नीति को "वापसी योग्य" से "बदली जाने योग्य" में बदल दिया है। ऐसे किसी भी पोर्टल या ऐप से खरीदारी न करें जो आपको खरीदी गई वस्तुओं को "वापस" करने का विकल्प नहीं देता है। अन्यथा आप ऐसी कई वस्तुओं को आधे दामों पर दोबारा बेचकर केवल Olx या Quikr का कारोबार बढ़ा रहे होंगे।

इंद्रलोक में साप्ताहिक बाज़ार

दिल्ली के इंद्रलोक में हर गुरुवार को एक साप्ताहिक बाज़ार लगता है और न केवल दिल्ली बल्कि आसपास के शहरों से भी लोग shopping के लिए आते हैं। इस बाज़ार में खतरनाक तरीके से भीड़ होती है। अब इस बाजार को किसी नजदीकी सुरक्षित स्थान पर स्थापित करने के बजाय इस बाजार पर प्रतिबंध लगाने के लिए पुलिस और सशस्त्र बलों को तैनात किया गया है। बेवकूफ़! कोई सरकार कितनी मूर्ख हो सकती है, इसका जीवंत उदाहरण है।

मैं बीमार होना नहीं चाहता, मैं सीधे मर जाना चाहता हूँ,

मैं बीमार होना नहीं चाहता, मैं सीधे मर जाना चाहता हूँ, मुझे दवा, टीकों और डॉक्टरों से बहुत डर लगता है, मुझे लाखों रुपये के खर्च से डर लगता है, मुझे अस्पतालों से, दवाखानों से बहुत डर लगता है मुझे घिसटती-सिसकती ज़िंदगी से डर लगता है मैं बीमार नहीं होना चाहता. मैं सीधे मर जाना चाहता हूँ. मैंने देखे हैं हैरान-परेशान रिश्तेदार, बेचारे अपना भार नहीं ढो पा रहे होते, ऊपर से घर में कोई बीमार इंसान. पूरा घर बीमार-बीमार सा हो जाता है. हवा बीमार, पानी बीमार, सब बीमार मैं बीमार नहीं होना चाहता, मैं सीधे मर जाना चाहता हूँ. मैनें पढ़े हैं चेहरे अनमने से सेवा करते हुए, बीमार की मौत का इंतज़ार करते हुए, ज़बरन दुनियादारी निभाते हुए, बीमार के साथ बीमारी झेलते हुए मैं बीमार नहीं होना चाहता, मैं सीधे मर जाना चाहता हूँ. ज़िंदगी जितनी भी हो, बस ठीक-ठाक हो, चलती-फिरती हो, मुस्कराती, हंसती हो, ज़िंदगी ज़िंदा हो, मैं मरी-मरी सी ज़िंदगी नहीं चाहता, मैं बीमार नहीं होना चाहता, मैं सीधे मर जाना चाहता हूँ. तेरा तुझ को अर्पण, क्या लागे मेरा. Tushar Cosmic

धर्म - मेरी आपत्तियां

1. हम इतिहास का केवल कुछ अंश ही जानते हैं। बुद्ध और महावीर से परे मानव इतिहास स्पष्ट नहीं है। बुद्ध और महावीर से पहले, इतिहास पौराणिक कथाओं के साथ मिश्रित है। संभावनाओं के आधार पर, निश्चित रूप से हम कुछ हद तक भविष्यवाणी कर सकते हैं लेकिन हम एक निश्चित समय से अधिक की भविष्यवाणी नहीं कर सकते हैं इसलिए अनंत काल के बारे में क्या कहा जाए? इसलिए कैसे कहें कि कुछ भी सनातन है? लेकिन हिंदू अपने आप को सनातनी कह रहे हैं। यह बस तनातनी है. क्या वे वास्तव में सनातन का अर्थ जानते हैं? सनातन कुछ भी नहीं है. परिवर्तन ही सनातन है प्रिय मित्रों। 2. सभी धर्म आदिम हैं, बचकाने हैं। बैटमैन, सुपरमैन जैसे किरदारों से भरपूर। परिकथाएं। और सब्सक्राइबर्स इतने मूर्ख हैं कि उनसे तार्किक बहस करना नामुमकिन है. दरअसल, उन्होंने प्रारंभ में ही तर्क को त्याग कर धर्म को अपना लिया था। उनसे किसी तार्किकता की उम्मीद कैसे की जा सकती है? 3. आमतौर पर लोग छोटी-छोटी चीज़ों पर अच्छा शोध करते हैं। वे एक अंडरवियर खरीदना चाहते हैं, वे बहुत सारे ब्रांड, आकार, फिटिंग आदि के बारे में सोचते हैं, लेकिन मुझे यह देखकर आश्चर्य हो...

श्री राम और उन का मंदिर - मेरी कुछ आपत्तियां

स्त्रियों को चाहिए कि वो राम को नकार दें। क्या वो राम जैसा पति चाहेगी, जिसके साथ वो तो जंगल-जंगल भटकें लेकिन पति उन्हें जंगल में छोड़ दे? वो भी तब, जब वो प्रेग्नेंट हो. हालाँकि मैं "जय श्री राम" के नारे का विरोध करता हूँ क्योंकि यह राम की विजय की घोषणा करता है और राम अब नहीं रहे, इसलिए ऐसे नारे लगाने का कोई मतलब नहीं है लेकिन मैं एक अन्य आधार पर "जय सिया राम" के नारे का विरोध करता हूँ। सीता को राम के साथ जोड़ना तथ्यात्मक नहीं है। राम ने स्वयं सीता को जंगल में छोड़ दिया था। उसके बाद वह जंगल में रहती है, जंगल में ही उन की मृत्यु हो जाती है। और यहां हिंदू सीता को राम से जोड़ रहे हैं? राम को 14 वर्ष का वनवास हुआ था, सीता को नहीं। फिर भी वह राम के साथ जंगल की ओर प्रस्थान कर गई। लेकिन यदि अयोध्यावासियों को सीता के आचरण पर किसी तरह का संदेह था तो राम सीता के साथ जंगल क्यों नहीं चले गये? नहीं, इस बार उन्होंने गर्भवती सीता को जंगलों में मरने के लिए छोड़ दिया। मर्यादा पुरूषोत्तम राम. पुरुषों में महान, राम। रावण के मारने के बाद राम ने जो शब्द सीता को कहे थे, वो बहुत अपमान ज...

राम मंदिर

मैं राम का घोर विरोधी हूँ, इस के बावजूद मैं इस पक्ष में हूँ कि राम मंदिर बनाया जाना चाहिए था और मुसलमानों को बहुत पहले माफी के साथ यह जगह तथाकथित हिन्दुओं को दे देनी चाहिए थी. न सिर्फ यह बल्कि "कृष्ण जन्म भूमि" और "काशी ज्ञानवापी" वाली जगह भी दे देनी चाहिए थी. लेकिन मुसलमानों ने संघर्ष का रास्ता अपनाया. राम मंदिर वो हार चुके हैं. बाकी भी हार जाएंगे. चूँकि यह जग-विदित है कि मुसलमान मूर्ती-भंजक है. ताजा बड़ा उदाहरण तालिबान द्वारा बामियान में बुद्ध की मूर्तियों को तोड़ना था. ये मूर्तियां असल में पहाड़ों में ही खुदी हुई थीं. डायनामाइट लगा कर इन को उड़ाया गया. वैसे अक्सर खबर आती रहती है कि मुस्लिम ने दूसरे धर्मों के धार्मिक स्थल ढेर कर दिए. मुझे कोई संदेह नहीं कि भारत में भी मुसलमानों ने मंदिर नहीं तोड़ें होंगे. कुतब मीनार पे जो मस्जिद बनी है, "क़ुव्वते-इस्लाम" वो कई जैन मंदिर तोड़ कर बनी है. ऐसे वहां Introductory पत्थर पर लिखा था. "क़ुव्वते-इस्लाम" यानि इस्लाम की कुव्वत. ताकत. यह थी इस्लाम की ताकत. दूसरों की इबादत-गाहों को तोडना. ऐसा ही कुछ अजमेर की ...

Sarkar Chor hai, सरकार षड्यंत्र-कारी है, सरकार दुश्मन है

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(The above photo is created by Devendra Makkar) सरकार ने न सिर्फ जान-बूझ कर जनता को कानून नहीं पढ़ाया बल्कि कानून की भाषा भी जटिल रखी :- सरकार-निज़ाम ऐसा मान कर चलता है कि हर इंसान को हर कानून पता है. और यदि आप को कोई कानून नहीं पता, तो वो आप की गलती है न कि निज़ाम की.  यह सरासर धोखा है. Sarkar Chor hai, दुश्मन है,  sarkar shadyantrakari hai . मेरा सवाल है इस निज़ाम से, "आप ने आम आदमी को कानून कब पढ़ाया? आप का कानून तो ऐसे अगड़म-शगड़म भाषा में लिखा है कि किसी को समझ ही न आये." ओशो ने तो यहाँ तक कहा है, "The priests and the politicians have always been in a conspiracy against humanity ." इस के अलावा आप के कानूनों के मतलब तो सुप्रीम कोर्ट तक तय नहीं हो पाते। आज एक कोर्ट कुछ मतलब निकालता है, कल कोई और कोर्ट कुछ और मतलब निकालता है। एक मुद्दे पर एक कोर्ट कुछ जजमेंट देता है, कल उसी मुद्दे पर कोई और कोर्ट कोई और जजमेंट दे देता है। और आम आदमी से यह तवक्को रखी जाती है कि उसे हर कानून पता होगा। चाहे खुद कानून के विद्वानों को पता न हो, कौन सा कानून क्या मतलब रखता है। यकीन मानिये, मैं...

The difference of Liking and loving

Do you believe that Loving is a higher, upper stage of liking? First, we like someone, and then, if we go deeper, we may start loving someone. But it is not always like that. Sometimes it may be the opposite. For example, you may love one of your children but not like her. Your love for her is the love of a father. But her erratic behavior, her irresponsible conduct, her egoistic and insulting body language.......You might not like it, You might even hate it. So that is the difference. Love, it is there, but liking her...no. Not all. That is the difference. Just an example.

Cease-fire

हमास फिलिस्तीन है. फिलिस्तीन इस्लामिक है. इस्लाम हर गैर-मुस्लिम के खिलाफ है चाहे वह यहूदी हो, हिंदू हो या कोई और। हम इन सबके ख़िलाफ़ हैं. हम इजराइल के साथ हैं. हम भारतीय हैं. हम गैर मुस्लिम भारतीय हैं. संघर्ष विराम. लेकिन इज़रायली बंधकों की वापसी की गारंटी कौन लेता है? इजराइल पर दोबारा हमला न हो इसकी गारंटी कौन लेता है? Hamas is Palestine. Palestine is Islamic. Islam is against every Non-Muslim be it Jews, Hindus, or anyone else. We are against all this. We are with Israel. We are Indians. We are Non-Musim Indians. Cease-fire. But who takes the guarantee of the return of the Israeli hostages? Who takes the guarantee of no attack on Israel again?

नेकी कर और जूते खा

हम ने किताबों में पढ़ा, फिल्मों से सीखा कि दूसरों की मदद करो. इंसान ही इंसान के काम आता है, काम आना चाहिए. मैंने भी ११०० से ज़्यादा लेख लिखे हैं. क्यों लिखे हैं? इंसान की, इंसानियत की बेहतरी के लिए. वैसे भी जीवन में कोशिश की है हमेशा कि जितनी भी मेरी तरफ से किसी की मदद हो सकती हो, हो जाए. अक्सर कहते भी हैं हम कि इंसानियत ही सब से बड़ा धर्म है. लेकिन पीछे कुछ समय से मेरी राय बदलती जा रही है. हमारी सभ्यता सिर्फ दिखावा है. ज़रा सी परत खुरचो तो नीचे जंगली जानवर निकलता है. हमारे शहर सिर्फ कंक्रीट के जंगल हैं. इंसान सिर्फ अपना स्वार्थ समझता है, अपनी वक्ती ज़रूरत समझता है, अपनी भूख समझता है, अपनी प्यास समझता है. नाक से आगे देखने, सोचने की उस की क्षमता बहुत कम होती है. अपने और अपने परिवार से आगे उस की आँख बहुत कम देख पाती है. बड़ी-बड़ी मीठी-मीठी बातें सिर्फ ढकोसला है, छलावा है, मुखौटा है, उस की गंदगी, उस का मतलबी चेहरा छुपाने को. अक्सर सुनता था, पढता था कि कोई किसी को छुरा मारता रहा, जनता देखती रही, किसी ने रोका नहीं, लुटेरा लूट कर रहा था सरे-राह, लोग अपने रस्ते चलते रहे. कोई बलात्कार हुआ, लोगों ने...

सही परवरिश

सही परवरिश यह है कि बच्चों को मज़बूत बनाएं. उन को जीत और हार दोनों पचाना सिखाएं. उन को जीवन के छित्तर खाना सिखाएं, झेलना सिखाएं. यदि आप ने अपने बच्चों को मज़बूत बनाना है तो उन्हें सुविधा-भोगी मत बनाएं. यदि आप की कार ले कर देने की हैसियत है तो उन को साइकिल ले कर दें. उन को धूप, ठंढ झेलना सिखाएं. उन को समझाएं कि वो बर्फ़ के नहीं बनें हैं जो बारिश में-धूप में पिघल जाएंगे, वो तिनकों के नहीं बने हैं जो आँधी में उड़ जाएंगे। कभी मत सोचें कि जो कष्ट मैंने झेले हैं, वो मेरे बच्चे न झेलें. बिना कष्ट झेले वो कष्ट झेलने की ताकत ही पैदा न कर पायेंगे. उन्हें अस्पताल, श्मशान, कोर्ट कचहरी, पुलिस थाना सब दिखाएं. वहाँ क्या होता है, एक आम इंसान की इन जगहों में क्या औकात है, यह समझाएं. देखा है अमीरों के बच्चे कैसे लुंज-पुंज होते हैं? एक दम धरती पर बोझ. गरीबी मार देती है, अमीरी भी मार देती है. अथाह पैसा भी बच्चों को बर्बाद कर देता है. बच्चों को नशेड़ी, उछृंकल बना देता है, गैर-ज़िम्मेदार बना देता, बद-तमीज बना देता है, उन को अच्छे-बुरे की समझ भुला देता है. मेरे परिवार में दो बच्चे इसलिए मर चुके हैं चूँकि पैसा ज़रूर...