अब जैसा समाज है ऐसा नहीं है कि कोई बुद्धू है और कोई चतुर-चालाक उसे बेवकूफ बना जाता है. नहीं. आज सभी चतुर हैं, चालाक है. असल में ज़रूरत से ज्यादा चालाक हैं. ओवर-स्मार्ट. ओवर-कलैवर. आज लड़ाई ओवर-कलैवर और ओवर-कलैवर के बीच है. बस जब अपनी दुक्की पिट जाती है तब दुनिया घटिया-कमीनी-हरामी लगने लगती है.

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