Thanos आने वाला है
समाज अक्ल का अँधा है. इसे हर दौर में नए भगवान चाहियें. पीछे माता के जागरण/चौकी के लिए पग्गल थे. फिर सब साईं बाबा के भगत हो गए. किसी तुचिए से शंकराचार्य ने बोल दिया कि साईं तो मुस्लिम थे, हटाओ इनकी मूर्तियाँ मन्दिरों से. तो वो ज्वार थोड़ा थमा है. अब सारे के सारे "गुरु जी" के सत्संग करवाते फिरते हैं. दिल्ली में हर दूसरी गाड़ी पे "गुरु जी" लिखा है. क्यों है यह सब? सिम्पल. जीने के लिए कोई तो सहारा चाहिए? साला जीवन इत्ता ज्यादा uncertain है, इत्ता ज्यादा डिमांड कर रहा है कि टेंशन ही टेंशन है. कोई तो सम्बल चाहिए. कोई तो खूंटा चाहिए, जिस पे अपने तनाव का कोट टांगा जा सके. फिर एक सामाजिक फायदा भी है. इसी सहारे जान-पहचान बढ़ती है. "भैन जी, तुस्सी की कम्म करदे हो?" "जी असी, कैटरिंग करदे हैं," "ठीक है जी, फेर मेरी बेटी दी शादी ते तुसी ही करना जे कम्म." "ओके जी, ओके. जय गुरु जी. गुरु जी कर रहे हैं. बस मेरा तो जी नाम हो रहा है जी." इडियट. गदहा समाज. इस समाज के लोगों से ज्ञान पैदा होना है? विज...