मोदी अपना वोट बैंक बदल रहा है, वो भिखमंगे और जिनके पल्ले कुछ नहीं था, उनको टारगेट कर रहा है. उसे पता है, कि ये लोग jealous थे अमीरों से, और ये निहायत खुश हैं. उसे वोट अच्छा नौकरी पेशा देगा. या फिर जो कुछ भी पैसा नहीं जोड़ नहीं पाया, वो देगा. व्यापरी जी जान लगा देगा, मोदी को गिराने में. यह पक्का है. शत प्रतिशत. और मोदी को अब इस व्यापारी के पैसे की ज़रूरत नहीं है, चूँकि उसके पास टॉप-मोस्ट व्यापारी हैं, अम्बानी, अदानी. सो उसे अब छुट-पुट लोगों की कोई ज़रूरत नहीं है. और वोट वो इन्ही का पैसा फेंक कर, फिर से खींच लेगा, ऐसी उसे समझ है. ये जो लोग मोदी-मोदी के नारे उछाल रहे हैं, वो बहुत पेड होंगे. अपनी पार्टी rti में लायेंगे नहीं. अपना पैसा पहले ही सफेद कर चुके दूसरी दलों को कंगला कर दिए, अब आगे फिर से अँधा पैसा प्रयोग होगा, और वो बीजेपी की तरफ से होगा और शुरू हो भी चुका असल में. यह है राजनीति.