भक्त— मोदी जी इमानदार हैं. न खाते हैं, न खाने देते हैं.
देशद्रोही- सर जी, वो तो अम्बानी परिवार के बहुत करीबी हैं.
भक्त-तो गुनाह है क्या?
देशद्रोही — नहीं सर जी, वो कह रहे थे कि बे-ईमानों का आजादी से लेकर आजतक का हिसाब-किताब निकाल लेंगे.
भक्त- तो ?
देशद्रोही - सुना तो हमने यह भी है कि अम्बानी बंधुओं के पिता जी श्री धीरू भाई ने सारा कारोबार ही मंत्री-संतरियो को रिश्वत देकर खड़ा किया था. तो फिर हम यह समझें कि आज़ादी से लेकर आज तक का अम्बानी बंधुओ का सारा चिटठा-पट्ठा जनता के सामने होगा.
भक्त- अबे चोप! देशद्रोही!!
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