Wednesday, 30 November 2016

फर्ज़ीकल स्ट्राइक

देशद्रोही--- सर जी, मोदी सरकार की कोई और उपलब्धि बताएं.
भक्त----- मोदी जी ने पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की.
देशद्रोही--- सर जी, सच में क्या? सबूत तो दिया नहीं कोई.
भक्त---- अबे, ऐसी घटनाओं के सबूत नहीं दिए जाते. दुश्मन फायदा उठा सकता है.
देशद्रोही--- सर जी, फिर बताने की भी क्या ज़रुरत थी? सीक्रेट ही रखना था तो पूरी तरह ही सीक्रेट रख लेते. अब बताया है तो फिर पूरा बताने की डिमांड भी की जा सकती है.
भक्त- अबे, वो सरकार तय करती है कि कितना बताना है और कितना नहीं बताना है.
देशद्रोही--- सर जी, लेकिन बिन सबूत के ही मान लें सरकार की बात?
भक्त- हाँ बे, उसमें गलत क्या है?
देशद्रोही---- सर जी, लेकिन सरकार तो खुद मानती है कि उसकी बात पर भरोसा नहीं किया जाना चाहिए.
भक्त- अबे चोप! ऐसा कुछ नहीं है.
देशद्रोही--- लेकिन सर जी, अमित शाह ने खुद कहा कि मोदी जी के बोल-बच्चन जुमला मात्र हो सकते हैं.
भक्त--- लेकिन जब सेनानायक ऐसा कह रहे हैं तो देश को और सवाल उठाने वालों को मानना चाहिए.
देशद्रोही- लेकिन सर जी, सेना में तो खूब घोटाले हुए हैं.
भक्त- अबे लेकिन वो मोदी जी का कार्यकाल नहीं था.
देशद्रोही—लेकिन सर जी, सेना तो सेना है. कल भी सेना थी, आज भी सेना है.
भक्त- अबे लेकिन वो मोदी जी का कार्यकाल नहीं था.
देशद्रोही- सर जी, मोदी जी तो खुद ...............
भक्त—अबे चोप, देशद्रोही!

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