Thursday, 24 August 2017

Why should the creator and the creation be different?

Why should the creator and the creation be different?

It is no Creation and there is no Creator. It is both. Like  Dance and Dancer, Acting and Actor.Cause is effect and Effect is Cause. No difference.

यह प्रभु नहीं स्वयम्भू है.


अवचेतन से अधिचेतन का सफर है.

कहा ही जाता है, आत्म से अध्यात्म ...हालांकि आत्म की अवधारणा ही गलत है....भ्रम है......लेकिन वो अवधारणा टूटना ही तो अध्यात्म कहा जाता है लेकिन यह संज्ञा भी  विभ्रमित करती है.

असल में न कोई आत्म है और न ही कुछ अध्यात्म......जब आत्म नहीं तो अध्यात्म कैसे होगा?

 आत्मा एक भ्रम है. अध्यात्म उससे बड़ा भ्रम है.

तो फिर इसे क्या कहें?

मैं इसे कॉस्मिक होना कहता हूँ, आप वैश्विक होना कह सकते हैं या फिर कुछ और.

नामकरण खुद करें.

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