कार बनाने वाली कम्पनियों को लगता है कि पिछली सीट पर बैठने वालों की टांगों की लम्बाई बैठते ही स्वयमेव छोटी हो जाती हैं.
गोलगप्पे वाले भैया को लगता है कि उसके देते ही गोलगप्पा आप हज़म कर लेते हैं सो वो दूसरा गोलगप्पा पहले वाले के साथ ही तैयार रखता है.
और नेता जी को लगता है कि वो कुछ भी करें, लेकिन चुनावी बाज़ी पोस्टरबाजी, नारेबाज़ी, भाषण-बाज़ी से जीती जा सकती है.
बिज़नैस करने का अपना-अपना ढंग है.
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