व्यक्ति अपनी ही सोच को आगे बढाता है जो कि अक्सर असंतुलित भी होती है.
रवीश कुमार मिसाल हैं. कितने प्रोग्राम किये आज तक रवीश कुमार ने इस्लाम या कहें कि तथा-कथित इस्लामिक लोगों के खिलाफ?
देखा मैंने इक्का-दुक्का प्रोग्राम, जिसमें अपनी ही विचार-धारा को समर्थित करते लोग बुला रखे थे.
और देखा मैंने इशारों-इशारों में तारेक फ़तेह जैसे लोगों के प्रोग्राम का मज़ाक उड़ाते भी रवीश को.
दुनिया में एक से एक धमाके होते रहे इस्लामिक या तथा-कथित इस्लामिक लोगों द्वारा. लेकिन फ्रांस में कोई उदारवादी नेता चुना गया तो झट प्रोग्राम कर डाला.
इडियट!
रवीश कुमार मिसाल हैं. कितने प्रोग्राम किये आज तक रवीश कुमार ने इस्लाम या कहें कि तथा-कथित इस्लामिक लोगों के खिलाफ?
देखा मैंने इक्का-दुक्का प्रोग्राम, जिसमें अपनी ही विचार-धारा को समर्थित करते लोग बुला रखे थे.
और देखा मैंने इशारों-इशारों में तारेक फ़तेह जैसे लोगों के प्रोग्राम का मज़ाक उड़ाते भी रवीश को.
दुनिया में एक से एक धमाके होते रहे इस्लामिक या तथा-कथित इस्लामिक लोगों द्वारा. लेकिन फ्रांस में कोई उदारवादी नेता चुना गया तो झट प्रोग्राम कर डाला.
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