कोई तीन-चार दिन पहले इंग्लैंड "मानचेस्टर" में बम धमाका हुआ. बाईस लोग तो तभी मारे गए. कई ज़ख़्मी हुए. सुना है कि ज़िम्मेदार लोगों ने बखूबी ज़िम्मेदारी भी ली. कितने मुस्लिम व्यक्तियों ने, समूहों ने इसके खिलाफ कुछ करने का ज़िम्मा लिया? करने का छोड़ो, आवाज़ उठाने का ही ज़िम्मा लिया हो? ये चुप्पे भी ज़िम्मेदार हैं, इनकी चुप्पी भी सहयोगी है. फिर कहेंगे कि चंद लोगों की वजह से कौम बदनाम होती है.
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