एतद्वारा घोषित करता हूँ कि मुझ में कैसी भी खासियत नहीं है. मैं वैसा ही हूँ जैसे कोई भी अन्य व्यक्ति हो सकता है. मुझ में तमाम लालच, स्वार्थ, घटियापन, टुच्चा-पन, चोट्टा-पन और कमीनपन है जो आप कहीं भी और पा सकते हैं. मैने कितने ही ऐसे काम किये होंगे, जो नहीं करने चाहिए थे और शायद आगे भी मुझ से ऐसे कई काम हो जाएँ. लेकिन लिखता वही हूँ, जो सही समझता हूँ और निश्चित ही एक बेहतर दुनिया चाहता हूँ.

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