Saturday 12 February 2022

जो समाज जितना अपने ग्रन्थों से बंधा होगा उतना ही हैरान-परेशान होगा

घोड़ा यदि गाड़ी के पीछे बंधा हो तो गाड़ी आगे कैसे चलेगी? नज़र आपकी रियर व्यू मिरर पर ही लगी रहे तो ड्राइव कैसे कर पाएंगे?

कभी-कभार पीछे देखना हो तो ठीक है लेकिन हमेशा पीछे देखते रहना एक्सीडेंट ही करवा देगा. लेकिन आप वही करते हैं. आप जीवन को देखने, समझने, जीने के लिए, जीवन की गाड़ी आगे हाँकने के लिए सदियों, सहस्त्राब्दियों पुराने ग्रन्थ, क़ुरान, पुराण में ही झांकते रहते हैं. जो समाज जितना अपने ग्रन्थों से बंधा होगा उतना ही हैरान-परेशान होगा. मुस्लिम समाज इस का ज़िंदा मिसाल है. ~ तुषार कॉस्मिक

1 comment:

  1. जो स्त्रियां जितना अपने प्रेम से बंधी होंगी उतनी ही हैरान परेशान होंगी।

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