गोरों के लगभग हर मुल्क में आग लगी है. लोग सड़कों पर हैं. उन्हें समझ आ चुका है कोरोना का ड्रामा. कोरोना की आड़ में गुलाम बनाया जा रहा है. कमाने-खाने, घूमने-फिरने, मित्रों-रिश्तेदारों से मिलने की आज़ादी छीनी जा रही है. ठीक से सांस तक लेने का हक छीना जा रहा है. अफ़सोस यह है भारत की इत्ती बड़ी आबादी चूतियों की तरह वैक्सीन ठुकवाये जा रही है. इन का इस आज़ादी की मुहिम में लगभग शून्य योगदान है. कोरोना योद्धा तुम्हारे सरकारी हीरो नहीं हैं, मेरे जैसे लोग हैं जो तुम्हे शुरू से बताते आये हैं कि यह फ्रॉड है. ~ तुषार कॉस्मिक
Very correct.
ReplyDeleteI would have loved to forward a screenshot of this on my groups but for the word "chutiyon"... Even the word is very appropriate